अलवर. चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुके हैं. इस दौरान माता के मंदिरों में भक्तों की लंबी कतार रहती है. 9 दिन माता के अलग-अलग रूपों की पूजा अर्चना होती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते मंदिर खाली हैं. अलवर के करणी माता मंदिर, मनसा देवी मंदिर में कोरोना के चलते तीसरी बार मेला नहीं भरा गया है. ऐसे में मंदिर पूरी तरह से खाली हैं. मंदिर में आने वाले भक्तों को भी सरकार की गाइडलाइन की पालना करनी पड़ रही है. बिना मास्क के भक्तों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है.
अलवर शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर बाला किला जाने वाले रास्ते पर घने जंगल के बीच में करणी माता का मंदिर है. नवरात्रों में सालों से मंदिर में मेला भरता है. इस दौरान पहले 50 हजार से अधिक लोग पहुंचते थे. इस बार कोरोना संक्रमण की सख्ती के कारण भक्त माता के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. पहले यहां नौ दिन अलवर के अलावा राजस्थान के अनुसार हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते थे. इसबार भक्तों के दर्शन करने से भी रोक दिया गया है, ताकि संक्रमण नहीं फैले.
![temples of Alwar closed due to corona, अलवर में कोरोना को लेकर नहीं भरा मेला](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11467280_2.png)
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मंदिर में पुजारी के आने-जाने और आरती का समय भी बदला गया है. पहले नौ दिन तक सुबह पांच बजे, आठ बजे, दस बजे और शाम को 4 और 6 बजे आरती होती थी. लेकिन, अब संक्रमण के कारण सुबह 8 बजे, साढ़े 10 बजे और शाम पांच बजे आरती होती है. आरती के समय मंदिर के पुजारी और दो अन्य पंडितों के अलावा कोई नहीं होता है. असल में बाला किला के घने जंगलों के बीच में करणी माता का मंदिर है. ऐसे में वन विभाग की तरफ से केवल मंगलवार और शनिवार को लोगों को प्रवेश दिया जाता है. प्रताप बंद पर वन विभाग की चौकी बनी हुई है. अन्य दिन सामान्य लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाता है. बाला किला जाने के लिए लोगों को जिप्सी करनी पड़ती है. जिप्सी खासी महंगी पड़ती है, इसलिए लोग नहीं जाना चाहते हैं.
![temples of Alwar closed due to corona, अलवर में कोरोना को लेकर नहीं भरा मेला](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11467280_1.png)
अलवर शहर में प्रमुख रूप से करणी माता मंदिर, मंशा माता मंदिर सहित अन्य मंदिरों में माता का पूजन किया गया. करणी माता मंदिर शहर से दूर बाला किला में होने के कारण भक्तों को जाने की अनुमति नहीं दी गई. कोरोना से पहले करणी माता मंदिर में नौ दिन का मेला भी लगता था, लेकिन, इस बार मेला भी नहीं है और भक्तों को जाने की अनुमति भी नहीं मिली है. जिले के अन्य मंदिरों में भी मास्क लगाकर जाना अनिवार्य है. कई मंदिरों में सैनिटाइजर का इंतजाम किया गया है. मास्क लगाकर नहीं आने वालों को मंदिर प्रशासन ने बाहर ही रोक दिया.
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मनसा माता मंदिर पर एक नजर
अलवर में सागर जलाशय सिटी पैलेस के पास पहाड़ी पर मनसा माता मंदिर स्थित है. 300 साल पहले राजा बख्तावर सिंह ने मंशा माता मंदिर बनवाया था. उसी समय से मंशा माता की पूजा होती रही है. नवरात्र में विशेष श्रृंगार होता है. हर दिन मां का नया रूप होता है. दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. करणी माता मंदिर जाने पर रोक होने के कारण इस बार मंशा माता मंदिर काफी भक्त पहुंच रहे हैं. मंदिर प्रशासन की तरफ से भीड़ नहीं लगने दी जा रही है. इस कारण पहले के सालों की तुलना में कम संख्या में भक्त आए हैं.
अलवर शहर के मालाखेड़ा बाजार में माता वैष्णो देवी मंदिर गुफा वाला में गुफा बंद है. इसके आगे बल्लियां लगाई गई हैं. पंडित नवरत्न शर्मा ने बताया कि मंदिर में माता का श्रृंगार रोजाना होगा. भक्त बाहर छह फीट की दूरी से दर्शन कर सकेंगे. प्रसाद भी नहीं चढ़ा सकेंगे.