अलवर: सरिस्कार अभयारण्य में हर साल सर्दियों के मौसम में वन विभाग की तरफ से वन्यजीवों की गणना की जाती है. यहां 10 दिसंबर से वन्यजीवों की गणना शुरू हो चुकी है. पहले चरण में 13 दिसंबर तक मांसाहारी वन्यजीवों की गणना की गई. 14 दिसंबर से 4 दिनों तक शाकाहारी वन्य जीवों की गणना होगी.
886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला अलवर का सरिस्का इकलौता देश का ऐसा नेशनल पार्क है, जिसमें कोई सीमा और तारबंदी नहीं है. सरिस्का में बाघ, हिरण, नीलगाय, पैंथर, बारासिंघा, भालू और लोमड़ी सहित सैकड़ों प्रजातियों के जीव-जंतु रहते हैं. इनको देखने के लिए साल भर देश-विदेश से हजारों पर्यटक अलवर आते हैं.
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सरिस्का में पहली बार मोबाइल ऐप के जरिए वन्यजीवों की गणना की जा रही है. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया, कि वन्यजीवों के पग मार्ग कैमरों और अन्य चीजों की मदद से गणना प्रक्रिया की जा रही है.
हालांकि सरिस्का प्रशासन की तरफ से लंबे समय से गणना के बाद वन्यजीवों के आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं. सरिस्का में बाघों की संख्या हर साल घट रही है. डेढ़ साल के दौरान 4 बाघों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं.
कुछ दिन पहले सरिस्का में नए बाघ शिफ्ट करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी. लगातार विवादों में रहने वाले सरिस्का को बचाने के लिए सरकार को खास प्रयास करने की जरूरत होगी.