अलवर. रामगढ़ का चिकित्सा प्रशासन कितना लापरवाह है, इसकी बानगी बाम्बोली गांव में देखी जा सकती है. जहां गुरुवार को 18 प्लस आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगनी थी. इस वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया में अस्पताल में तैनात डॉक्टर और उनकी टीम ने ही धज्जियां उड़ा दी. ये हालात तो तब हैं, जब इस गांव में विगत 20 दिन में 15 से अधिक मौत हो चुकी हैं. गांव में ज्यादातर मौत घर में ही हुई हैं. इसलिए सरकारी रिकॉर्ड में दो की मौत हैं. गांव में 50 से अधिक कोरोना के मरीज हैं. इसके अलावा 4 लोगों की मौत एक ही दिन में हुई हैं.
बाम्बोली के सरकारी अस्पताल में वैक्सीन लगाई जानी थी, जैसे ही वैक्सीन लगने की सूचना ग्रामीणों को मिली तो ग्रामीणों ने लाइन लगा ली, लेकिन चिकित्सा कर्मचारियों को अपने लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए टोकन देने थे. इसलिए इस व्यवस्था की पूरी तरीके से धज्जियां उड़ा दी गईं और अपने तरीके से लोगों को टोकन दिए गए. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की खुली धज्जियां उड़ गई और हालात बेकाबू हो गए.
इस सेंटर पर करीब डेढ़ सौ वैक्सीन की डोज भेजी गई थी, लेकिन चिकित्सा विभाग द्वारा ग्रामीणों को एक दिन पूर्व कोई सूचना नहीं दी गई. जबकि व्यवस्था यह होनी चाहिए कि 1 दिन पहले ही उस सेंटर पर सूचना दी जानी चाहिए, जहां वैक्सीन लगनी है. जिससे व्यवस्था ना बिगड़े, लेकिन यहां सभी नियम कायदे कानूनों का उल्लंघन किया गया. इसके बाद जब यह माहौल खराब हुआ, तो उद्योग नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस को देख कर वैक्सीन लगवाने वाले आगे आधे से ज्यादा लोग तो भाग गए.
ग्रामीणों का आरोप है कि डॉक्टर और चिकित्सा टीम ने अपने अपने लोगों को बुलाकर वैक्सीन लगवा दी. यहां के ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में 50 से अधिक कोरोना के मरीज हैं. 15 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. उसके बावजूद भी अस्पताल की ओर से कोई सुधार नहीं किया गया. उन्होंने इस मामले की जांच कराकर संबंधित कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.