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देश में असहमति को कूचलने का काम कर रही मोदी सरकारः कांग्रेस नेता मोहन प्रकाश

अलवर के बहरोड़ पहुंचने पर अखिला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश का कार्यकर्ताओं ने फूलमाला पहनाकर स्वागता किया. इस दौरान मोहन प्रकाश ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला.

कांग्रेस नेता मोहन प्रकाश, Rajasthan News
कांग्रेस नेता मोहन प्रकाश
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Published : Feb 27, 2021, 7:35 AM IST

बहरोड़ (अलवर). कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश का फूलमालाओं से जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान मोहन प्रकाश ने कहा कि आज पूरा देश का जनमानस अस्थिर है, हर आदमी अपने भविष्य को लेकर आशंकित हो रहा है. किसान आंदोलन को लेकर सरकार का रवैया और तर्क बेतुके हैं और सरकार पूंजीपतियों की कठपुतली बन कर रह गई है.

बहरोड़ पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार यूरोप और अमेरिका मॉडल अपनाना चाहती है और उस मॉडल को भारत में लागू कर रही है. उन्होंने बताया कि अमेरिका में 3 फ़ीसदी आबादी खेती पर निर्भर है, जबकि यूरोप में 2 से ढाई फ़ीसदी आबादी कृषि पर आधारित है, जबकि भारत में 60 फ़ीसदी आबादी का जरिया कृषि आधारित आजीविका है. 60 फ़ीसदी आबादी को डिस्टर्ब करने के लिए यूरोप और अफ्रीका के मॉडल को अपनाया जा रहा है. अगर यह मॉडल यहां लागू हो गया तो इस देश का क्या हाल होगा. बेरोजगारी बढ़ जाएगी.

यह भी पढ़ेंः अजमेर में पिया, अलवर में 'जिया'...गैंगस्टर की गर्लफ्रेंड तनाव से बचने के लिए मैगजीन पढ़कर टाइम काट रही

मोहन प्रकाश ने बताया कि देश में असहमति को कुचलने का काम केंद्र सरकार कर रही है, जो देश के लिए बड़ा खतरनाक है. उन्होंने देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार की गई दिशा का उदाहरण देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर उसने जो लिखा है उसे देशद्रोह माना गया और जेल में बंद कर दिया गया. उन्होंने दिशा को जमानत देने वाले जज धर्मेंद्र राणा की तारीफ करते हुए कहा कि इस जज ने देश को आईना दिखाया है और कहा है कि असहमति का मतलब देशद्रोह नहीं होता.

उन्होंने बड़े-बड़े न्यायाधीशों से भी धर्मेंद्र राणा जज के फैसले पढ़ने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि अगर असहमति देशद्रोह होता तो आज भारतीय जनता पार्टी और जनसंघ नहीं होते. पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के रास्ते को बंद ना किया जाए और देश में जो आंदोलन चल रहे हैं उसका केंद्र सरकार को रास्ता निकालना चाहिए तभी देश आगे बढ़ेगा वरना देश के आगामी आने वाले दिन कठिनाई भरे होंगे.

यह भी पढ़ेंः चूरू: दो ट्रकों में टक्कर के बाद भीषण आग लगने से 2 लोग जिंदा जले, और लोगों के मरने की आशंका

वहीं, सांसद मोहन केलकर की ओर से आत्महत्या करने के मामले पर कहा कि उन्होंने मरने से पहले 12 पेज का सुसाइड नोट लिखा था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस संबंध में एक शब्द भी नहीं बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह कैसी संवेदनहीन सरकार है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सभी सार्वजनिक उपक्रमों को बेचकर कमजोर तबके के आरक्षण को खत्म करना चाह रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में लड़ाई लड़ रही है. ज्यादा से ज्यादा युवा इससे जुड़ें, जिससे देश को सही रास्ते पर ले जाया जा सके. उन्होंने मोदी सरकार से मांग की कि पेट्रोल डीजल के दामों को लेकर श्वेत पत्र लाया जाना चाहिए, जिससे जनता को केंद्र सरकार की मंशा का पता चल सके.

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने के बाद भी कीमत नहीं घटाई जा रही है, जबकि यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान तेल के दाम कम किये थे. केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल के दामों के भाव कंपनियों पर छोड़ रखे हैं. इस दौरान पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह यादव, डॉ आरसी यादव, बस्तीराम यादव, पूर्व कांग्रेस प्रदेश सचिव अजित यादव सहित कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे.

बहरोड़ (अलवर). कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश का फूलमालाओं से जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान मोहन प्रकाश ने कहा कि आज पूरा देश का जनमानस अस्थिर है, हर आदमी अपने भविष्य को लेकर आशंकित हो रहा है. किसान आंदोलन को लेकर सरकार का रवैया और तर्क बेतुके हैं और सरकार पूंजीपतियों की कठपुतली बन कर रह गई है.

बहरोड़ पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार यूरोप और अमेरिका मॉडल अपनाना चाहती है और उस मॉडल को भारत में लागू कर रही है. उन्होंने बताया कि अमेरिका में 3 फ़ीसदी आबादी खेती पर निर्भर है, जबकि यूरोप में 2 से ढाई फ़ीसदी आबादी कृषि पर आधारित है, जबकि भारत में 60 फ़ीसदी आबादी का जरिया कृषि आधारित आजीविका है. 60 फ़ीसदी आबादी को डिस्टर्ब करने के लिए यूरोप और अफ्रीका के मॉडल को अपनाया जा रहा है. अगर यह मॉडल यहां लागू हो गया तो इस देश का क्या हाल होगा. बेरोजगारी बढ़ जाएगी.

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मोहन प्रकाश ने बताया कि देश में असहमति को कुचलने का काम केंद्र सरकार कर रही है, जो देश के लिए बड़ा खतरनाक है. उन्होंने देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार की गई दिशा का उदाहरण देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर उसने जो लिखा है उसे देशद्रोह माना गया और जेल में बंद कर दिया गया. उन्होंने दिशा को जमानत देने वाले जज धर्मेंद्र राणा की तारीफ करते हुए कहा कि इस जज ने देश को आईना दिखाया है और कहा है कि असहमति का मतलब देशद्रोह नहीं होता.

उन्होंने बड़े-बड़े न्यायाधीशों से भी धर्मेंद्र राणा जज के फैसले पढ़ने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि अगर असहमति देशद्रोह होता तो आज भारतीय जनता पार्टी और जनसंघ नहीं होते. पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के रास्ते को बंद ना किया जाए और देश में जो आंदोलन चल रहे हैं उसका केंद्र सरकार को रास्ता निकालना चाहिए तभी देश आगे बढ़ेगा वरना देश के आगामी आने वाले दिन कठिनाई भरे होंगे.

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वहीं, सांसद मोहन केलकर की ओर से आत्महत्या करने के मामले पर कहा कि उन्होंने मरने से पहले 12 पेज का सुसाइड नोट लिखा था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस संबंध में एक शब्द भी नहीं बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह कैसी संवेदनहीन सरकार है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सभी सार्वजनिक उपक्रमों को बेचकर कमजोर तबके के आरक्षण को खत्म करना चाह रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में लड़ाई लड़ रही है. ज्यादा से ज्यादा युवा इससे जुड़ें, जिससे देश को सही रास्ते पर ले जाया जा सके. उन्होंने मोदी सरकार से मांग की कि पेट्रोल डीजल के दामों को लेकर श्वेत पत्र लाया जाना चाहिए, जिससे जनता को केंद्र सरकार की मंशा का पता चल सके.

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने के बाद भी कीमत नहीं घटाई जा रही है, जबकि यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान तेल के दाम कम किये थे. केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल के दामों के भाव कंपनियों पर छोड़ रखे हैं. इस दौरान पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह यादव, डॉ आरसी यादव, बस्तीराम यादव, पूर्व कांग्रेस प्रदेश सचिव अजित यादव सहित कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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