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अलवर के बहरोड़ में मूलभूत सुविधाओं से वंचित गाड़िया लुहार समाज, घुमन्तु समाज के प्रदेश अध्यक्ष मिलने पहुंचे

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Published : Nov 9, 2019, 7:48 PM IST

अलवर के बहरोड़ में रह रहे गाड़िया लुहारों से शनिवार को घुमन्तु समाज के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह बड़ गुर्जर मिलने पहुंचे. यह समाज पिछले कुछ सालों से कस्बे के यूआईटी भवन के पास नगर पालिका की जगह पर रह रहा है.

बहरोड़ गाड़िया लुहार समाज, behror Gadia lohar samaj

बहरोड़ (अलवर). कस्बे में यूआईटी भवन के पास पिछले कई सालों से नगर पालिका की जगह में रह रहे गाड़िया लुहारों से, घुमंतू प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह बड़ गुर्जर मिलने पहुंचे. इस समाज के दर्जनों परिवार सरकारी सुविधाओं से वंचित चले आ रहे हैं.

मूलभूत सुविधाओं से वंचित नजर आता है गाड़िया लुहार समाज

बता दें कि शेर सिंह ने यहां गाड़िया लुहार परिवारों से रूबरू होकर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी जुटाई. शेर सिंह बड़गुर्जर ने कहा कि गाड़िया लोहार समुदाय हमेशा से किसी एक स्थान पर स्थिर न होने वाला समुदाय रहा है. जिसकी वजह से इस समुदाय और उनके बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा है. इस विषय को ध्यान में रखते हुए इनके विकास पर काम करने की जरूरत है.

वहीं पानी, बिजली के अलावा इनकी सबसे बड़ी मांग स्थाई पट्टे बनाने की है. ये लोग अपनी इन मांगों को कई बार सरकार और प्रशासन के सामने रख चुके हैं. इनका कहना है कि, अगर सरकार ने जल्द से समस्याओं का समाधान नहीं किया तो वे एकता का परिचय देकर विरोध की भावना जताएंगे. गाड़िया लुहार की महिलाओं और पुरुषों ने बताया कि, वे लोग पिछले 40 सालों से बहरोड़ में रह रहे हैं. इन लोगों के राशन कार्ड, पहचान पत्र तो बन गए हैं, लेकिन सरकार की सम्पूर्ण योजनाएं सभी परिवारों को नहीं मिल रही हैं.

पढ़ें: गांधी परिवार से हटाई गई एसपीजी सुरक्षा, मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा बीजेपी ओछी राजनीती पर उतर आई

समाज के लोगों ने बताया कि, नगर पालिका विभाग और प्रशासन भी हमारे लिए स्थाई पट्टे और मकान बनवाने की बजाय यहां से उठाने का प्रयास कर चुका है. हमें जंगलों में पटकने का प्रयास किया गया है. जहां किसी भी तरह का आजीविका का साधन तक नहीं है. समाज के लोगों का कहना है कि अब नगर पालिका के चुनाव आने वाले हैं. ऐसे में वोट मांगने वाले नेता चक्कर काटने लग जाएंगे. वहीं वोट पड़ने के बाद कभी भी समस्याओं के बारे में सुनने नहीं आएंगे. बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष बड़ गुर्जर और गाड़िया लुहारों के सदस्यों ने यूआईटी भवन के पास जगह में पट्टे देकर मकान बनाने की मांग उठाई है.

बहरोड़ (अलवर). कस्बे में यूआईटी भवन के पास पिछले कई सालों से नगर पालिका की जगह में रह रहे गाड़िया लुहारों से, घुमंतू प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह बड़ गुर्जर मिलने पहुंचे. इस समाज के दर्जनों परिवार सरकारी सुविधाओं से वंचित चले आ रहे हैं.

मूलभूत सुविधाओं से वंचित नजर आता है गाड़िया लुहार समाज

बता दें कि शेर सिंह ने यहां गाड़िया लुहार परिवारों से रूबरू होकर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी जुटाई. शेर सिंह बड़गुर्जर ने कहा कि गाड़िया लोहार समुदाय हमेशा से किसी एक स्थान पर स्थिर न होने वाला समुदाय रहा है. जिसकी वजह से इस समुदाय और उनके बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा है. इस विषय को ध्यान में रखते हुए इनके विकास पर काम करने की जरूरत है.

वहीं पानी, बिजली के अलावा इनकी सबसे बड़ी मांग स्थाई पट्टे बनाने की है. ये लोग अपनी इन मांगों को कई बार सरकार और प्रशासन के सामने रख चुके हैं. इनका कहना है कि, अगर सरकार ने जल्द से समस्याओं का समाधान नहीं किया तो वे एकता का परिचय देकर विरोध की भावना जताएंगे. गाड़िया लुहार की महिलाओं और पुरुषों ने बताया कि, वे लोग पिछले 40 सालों से बहरोड़ में रह रहे हैं. इन लोगों के राशन कार्ड, पहचान पत्र तो बन गए हैं, लेकिन सरकार की सम्पूर्ण योजनाएं सभी परिवारों को नहीं मिल रही हैं.

पढ़ें: गांधी परिवार से हटाई गई एसपीजी सुरक्षा, मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा बीजेपी ओछी राजनीती पर उतर आई

समाज के लोगों ने बताया कि, नगर पालिका विभाग और प्रशासन भी हमारे लिए स्थाई पट्टे और मकान बनवाने की बजाय यहां से उठाने का प्रयास कर चुका है. हमें जंगलों में पटकने का प्रयास किया गया है. जहां किसी भी तरह का आजीविका का साधन तक नहीं है. समाज के लोगों का कहना है कि अब नगर पालिका के चुनाव आने वाले हैं. ऐसे में वोट मांगने वाले नेता चक्कर काटने लग जाएंगे. वहीं वोट पड़ने के बाद कभी भी समस्याओं के बारे में सुनने नहीं आएंगे. बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष बड़ गुर्जर और गाड़िया लुहारों के सदस्यों ने यूआईटी भवन के पास जगह में पट्टे देकर मकान बनाने की मांग उठाई है.

Intro:बहरोड कस्बे में यूआईटी भवन के पास पिछले कई सालों से नगरपालिका की जगह में रह रहे गाड़िया लुहारो के दर्जनों परिवार सरकारी सुविधाओं से वंचित चले आ रहे हैBody:बहरोड़- एंकर- बहरोड कस्बे में यूआईटी भवन के पास पिछले कई सालों से नगरपालिका की जगह में रह रहे गाड़िया लुहारो के दर्जनों परिवार सरकारी सुविधाओं से वंचित चले आ रहे है । जिनसे घुमन्तु समाज से प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह बड़गुर्जर मिलने पहुचे । जिन्होंने गाड़िया लुहार परिवारों से रूबरू होकर समस्याओं के बारे में जानकारी जुटाई । शेरसिंह बडगुजर ने कहा कि गाड़िया लोहार समुदाय हमेशा से किसी एक स्थान पर स्थिर न होने वाला समुदाय रहा है । जिस कारणवश इस समुदाय और उनके बच्चों को शिक्षा , स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा है । इस विषय को ध्यान में रखते हुए इनके विकास पर पर काम कर रहा है । पानी , बिजली के अलावा सबसे बड़ी मांग आसमान की छत के नीचे रहने वाले परिवारों को स्थाई पट्टे बनाने की है । समस्याओं की मांग सरकार व प्रसासन से कई दफा उठा चुके है । अगर सरकार ने जल्द समय में घुमन्तु समाज की समस्याओं का समाधान नहीं कराया तो एकता का परिचय देकर विरोध की भावना जताएंगे । चुनावों में गाड़िया लुहार समेत अन्य घुमन्तु समाज के लोग वोट का प्रयोग भी करते है । इस दौरान नेता झूठा आश्वाशन देकर वोट डलवा लेते है । गाड़िया लुहार की महिलाओं व पुरुषों ने बताया कि पिछले चालीस वर्षों से बहरोड़ में रह रहे है । राशन कार्ड ,बपहचानपत्र तो बन गए । लेकिन सरकार की सम्पूर्ण योजनाएं सभी परिवारों को नहीं मिल रही । कभी पानी की तो कभी बिजली व कभी किसी प्रकार की समस्याओं से झूझना पड़ रहा है ।नगरपालिका विभाग व प्रसासन भी हमें स्थाई पट्टे व मकान बनवाने की बजाय यहां से उठाने का प्रयास कर चुका है । हमें जंगलों में पटकने का प्रयास किया गया ।जहां कोई आजीविका का साधन तक नही है । शहर में रहकर तो छोटे मोटे कार्य कर पेट भरने का गुजारा भी कर लेते है । अब नगरपालिका के चुनाव आने वाले है ।उसमें वोट मांगने वाले नेता चक्कर काटने लग जाएंगे ।और वोट पड़ने के बाद कभी भी समस्याओं के बारे में सुनने नहीं आते । प्रदेश अध्यक्ष बड़गुर्जर व गाड़िया लुहारों के सदस्यों ने यूआईटी भवन के पास जगह में पट्टे देकर मकान बनाने की मांग उठाई । वही प्रधानमंत्री भले ही भारत को खुले में शौच मुक्त बनाने की मुहिम में जुटे हो , लेकिन जिले के अधिकारी उनके इन मंसूबों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं । इसका प्रत्यक्ष उदाहरण बहरोड के गाडिया लोहार है जो शौचालय के अभाव में आज भी सुबह-शाम खूले में ही शौच करने को मजबूर बने हुए हैं । गर्मी हो या फिर कड़ाके की ठंड़, उन्हें रात भी खूले आसमान के नीचे ही गुजारनी पड़ रही है । बाइट- महिला गाड़िया लुहार बाइट- शेरसिंह - प्रदेश अध्यक्ष घुमंतू समाजConclusion:घुमन्तु समाज से प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह बड़गुर्जर मिलने पहुचे । जिन्होंने गाड़िया लुहार परिवारों से रूबरू होकर समस्याओं के बारे में जानकारी जुटाई । शेरसिंह बडगुजर ने कहा कि गाड़िया लोहार समुदाय हमेशा से किसी एक स्थान पर स्थिर न होने वाला समुदाय रहा है । जिस कारणवश इस समुदाय और उनके बच्चों को शिक्षा , स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा है । इस विषय को ध्यान में रखते हुए इनके विकास पर पर काम कर रहा है । पानी , बिजली के अलावा सबसे बड़ी मांग आसमान की छत के नीचे रहने वाले परिवारों को स्थाई पट्टे बनाने की है ।
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