अलवर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को अलवर पहुंचे. यहां उन्होंने मिनी सचिवालय का उद्घाटन किया. उसके बाद सरस डेयरी परिसर में सभा को संबोधित किया. इस दौरान वे भूल गए कि अलवर को बजट में नगर परिषद मिली है या नगर निगम. फिर बात संभालते हुए बोले कि वे घोषणाएं करते रहते हैं, इसलिए भूल जाते हैं.
जनसभा में सीएम अशोक गहलोत ने सरकार के कार्यों को गिनाया. इस दौरान अलवर के मत्स्य विश्वविद्यालय परिसर में प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया, तो नटनी का बारा से मौजपुर तक बनने वाली डेढ़ सौ करोड़ रुपए लागत की सड़क का शिलान्यास किया. मंच पर भाषण देते हुए अशोक गहलोत भूल गए कि अलवर को बजट में क्या मिला था. उन्होंने कहा कि नगर परिषद, लेकिन इस पर वहां मौजूद जितेंद्र सिंह व अन्य नेताओं ने कहा कि अलवर को नगर निगम मिली है. उन्होंने कहा कि वो घोषणाएं करते रहते हैं, इसलिए भूल जाते हैं.
पढ़ेंः आप मांगते मांगते थक जाओगे और मैं देता रहूंगा : मुख्यमंत्री गहलोत
मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने बीते दिनों नाथद्वारा में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि सरकारी कार्यक्रम में जाने का प्रोटोकॉल रहता है और जाना भी चाहिए. उसमें सभी विभागों से संबंधित घोषणा होती हैं. लेकिन इस तरह से कार्यक्रम में मेरे सामने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह नहीं कहना चाहिए कि राजस्थान में कोई कार्य नहीं हुआ. राजस्थान में अनेकों कार्य हुए. भाजपा सरकार कांग्रेस सरकार के कार्य को रोकने का काम करती है, लेकिन कांग्रेस सरकार की ऐसी मंशा नहीं है. विधायक-मंत्रियों ने जो मांगा वो उनको दिया गया है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के दौरान मैंने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया, जब बाद में मैंने उस बात पर गौर किया, तो ट्वीट करके अपनी बात रखी.
पढ़ेंः CM Ashok Gehlot Visit to Alwar : मिनी सचिवालय का करेंगे उद्घाटन, दे सकते हैं कई सौगात
सचिन पायलट के सवाल पर अशोक गहलोत कुछ भी बोलने से बचते हुए नजर आए. तो वहीं धौलपुर में वसुंधरा को लेकर जब अशोक गहलोत से सवाल किया गया, तो उन्होंने सवाल से हटकर कहा कि उनका ध्यान प्रदेश में चल रहे राहत शिविरों पर है और वो लगातार राहत शिविरों का निरीक्षण कर रहे हैं. राहत शिविर से आम आदमी को राहत मिले. सरकार की यह मंशा है. राजस्थान को नंबर वन प्रदेश बनाना है. इस दिशा में सरकार काम कर रही है. जो कमियां रही हैं, उन कमियों को भी पूरा किया जाएगा. नए मिनी सचिवालय बन रहे हैं. तो प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज बनाया जा रहा है.