अलवर. बहरोड़ के मांडन के ढीकवाड़ स्थित परीक्षा केन्द्र कमलादेवी महाविद्यालय में रीट परीक्षा प्रश्न पत्र देरी से पहुंचने और अभ्यर्थियों की ओर से किए गए हंगामे के लिए नीमराणा उपखंड अधिकारी की लापरवाही को प्रमुख कारण मानते हुए चार्जशीट दी गई है. इस मामले में उप समन्वयक को पहले ही निलम्बित किया जा चुका है. अभी कई और अधिकारी इस प्रकरण में कार्रवाई के घेरे में आ सकते हैं.
जिले में रविवार को आयोजित रीट परीक्षा के दौरान ढीकवाड़ स्थित परीक्षा केन्द्र कमलादेवी महाविद्यालय में पेपर देरी से पहुंचने पर अभ्यर्थियों ने हंगामा कर दिया था. अभ्यर्थी पेपर देरी से पहुंचने, पेपर खोलने में नियमों की पालना नहीं करने तथा नकल का आरोप लगाते हुए परीक्षा केन्द्र के बाहर आकर हंगामा करने लगे. इस कारण रीट परीक्षा का पहली पारी में लेवल द्वितीय का पेपर नहीं हो सका था. प्रकरण में जिला कलेक्टर ने नीमराणा उपखंड अधिकारी मुकुट सिंह की लापरवाही मानते हुए उन्हें 17 सीसी की चार्जशीट दी है.
चार्जशीट में परीक्षा प्रश्न पत्रों को समय से पहुंचाने की मॉनिटरिंग ठीक से नहीं करने, स्वयं परीक्षा केन्द्र पर समय पर नहीं पहुंचने, अभ्यर्थियों को समझाइश नहीं करने, पेपर ले जाने वाले उप समन्वयक से ठीक से कोर्डिनेशन नहीं करने सहित अन्य कारणों के लिए दोषी माना है.
रीट परीक्षा का पेपर देरी से पहुंचाने और परीक्षा केन्द्र पर अभ्यर्थियों के हंगामे के कारण पेपर नहीं होने के लिए जिला कलेक्टर ने उप समन्वयक दीपक माथुर को पहले ही निलम्बित कर दिया है. इस प्रकरण में अभी रीट परीक्षा से जुड़े कई और अधिकारी भी जांच व कार्रवाई के दायरे में हैं.