अलवर. भिवाड़ी में फायरिंग और रंगदारी का 'खेल' तेजी से बढ़ रहा है. इसकी जांच-पड़ताल में हो रहे खुलासों ने पुलिस की नींद उड़ा दी है. ऐसे में भिवाड़ी एसपी ने क्राइम कंट्रोल के लिए कमर कस ली है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली व हरियाणा के बदमाशों को राजस्थान व खासतौर पर अलवर में नहीं घुसने देंगे. पुलिस ने सभी बदमाशों को चिन्हित कर लिया है. एक-एक को गिरफ्तार किया जाएगा. प्रदेश में इनका नेटवर्क फैलने से पहले ही ध्वस्त कर दिया जाएगा.
भिवाड़ी में बड़े प्रतिष्ठानों, उद्योगपति व कारोबारियों पर फायरिंग कर रंगदारी मांगने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हाल ही में पुलिस ने हरीश बेकरी पर हुई फायरिंग की घटना के मामले में उत्तर प्रदेश, हरियाणा व दिल्ली की दो बड़ी गैंग कौशल गैंग व अमित ठाकुर गैंग के शामिल होने का खुलासा किया है. इन दोनों गैंग के बदमाश दिल्ली की तिहाड़ व पंजाब के गुरदासपुर जेल में बंद हैं. यह लोग जेल में बैठकर रंगदारी का नेटवर्क चलाते हैं.
भिवाड़ी पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने इन गैंग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कई बड़े खुलासे किए. उन्होंने कहा कि इन गैंग को राजस्थान व खासतौर पर भिवाड़ी में पैर नहीं पसारने दिया जाएगा. पुलिस लगातार दोनों गैंग के बदमाशों को पकड़ने में लगी है. इन गैंग के बदमाशों को चिन्हित कर लिया गया है. एसपी ने कहा कि गैंग के मुखिया जेल में बैठकर रंगदारी का खेल खेलते हैं. इसके लिए पूरी साजिश रची जाती है.
अलग-अलग जगह से बदमाश लाए जाते हैं. साथ ही उनको हथियार उपलब्ध कराने, गाड़ी उपलब्ध कराने सहित अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं. बदमाशों को भागने में किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए बदमाश बैकअप प्लान भी तैयार करते हैं. उन्होंने कहा कि भिवाड़ी पुलिस ने सभी की कुंडली तैयार कर ली है. इन को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. एसपी ने बताया कि दिल्ली हरियाणा और उत्तर प्रदेश में यह गैंग रंगदारी का खेल खेलती है. इनके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज हैं. इस समय सबसे ज्यादा एक्टिव गैंग मैं भी इन दोनों ही गैंग का नाम शामिल है.
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वांटेड लिस्ट में हैं शामिल
पुलिस जांच-पड़ताल में सामने आया है कि यह दोनों गैंग दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल हैं. यह लोग दिल्ली एनसीआर क्षेत्र को अपना निशाना बनाते हैं. दिल्ली से लगते हुए राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के शहरों की गैंग के बदमाश रेकी करते हैं. उसके बाद रंगदारी की साजिश रचते हैं.
लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों गैंग के बदमाश लेटेस्ट हथियार, वेब टेक्नोलॉजी से लैस होते हैं. पढ़े-लिखे होने के कारण इनको टेक्नोलॉजी यूज करने में दिक्कत नहीं आती है. विशेष प्रकार के मोबाइल और सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर यह आपस में बात करते हैं, जिस कारण पुलिस इनको ट्रेस नहीं कर पाती है.