अलवर. शहर में निकाय चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है. ऐसे में लोग चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी पेश करते हुए नजर आ रहे हैं. इसका एक नजारा बुधवार को अलवर के फूल बाग पैलेस में भी देखने को मिला, जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी पहुंचे. इस मौके पर उनसे मिलने वालों का फूल बाग में तांता लग गया. जिसके बाद जितेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश में मजबूत स्थिति में है.
अलवर सहित प्रदेशभर में निकाय चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है. वहीं सभापति के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष चुनाव पर भी मामला गरमाया हुआ है. हालांकि सरकार ने पहले इस पर प्रत्यक्ष चुनाव करने की बात कही थी, लेकिन पार्षदों के विरोध पर सरकार बैकफुट पर नजर आई. जिसके बाद सरकार ने अपना फैसला वापस लेते हुए अप्रत्यक्ष चुनाव करने की बात कही.
इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बोलते हुए का सरकार की तरफ से एक समिति बनाई गई थी. उस समिति ने सभी पार्षदों से बातचीत की और उसके आधार पर अप्रत्यक्ष चुनाव कराने का फैसला लिया गया है. दअरसल, अप्रत्यक्ष चुनाव के दौरान पार्षदों को सभापति व महापौर चुनने का मौका मिलेगा. इससे पार्षदों की सक्रियता चुनाव में बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में मजबूत है, क्योंकि कांग्रेस ने काम करके दिखाया है.
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जितेंद्र सिंह ने अलवर का उदाहरण देते हुए कहा कि अलवर में मिनी सचिवालय 5 साल के अंदर जहां वे छोड़ कर गए थे, उसी तरह से खड़ा हुआ मिला. लेकिन कांग्रेस की सरकार आते ही उसके लिए बजट जारी किया गया और काम शुरू हुआ. उन्होंने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान बना था और वहीं एक और मेडिकल कॉलेज की सौगात अलवर को कांग्रेस ने ही दी है. अलवर में प्रशासनिक व्यवस्थाएं हो या सड़कों पर व्यवस्थाओं की स्थिति सभी पर उन्होंने कांग्रेस पार्टी की पीठ थपथपाई है.
वैभव गहलोत के विवाद पर भी बोले जितेन्द्र सिंह...
वैभव गहलोत के विवाद पर बोलते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का खुद का व्यक्तित्व होता है, उसके आधार पर ही वो चुनाव भी जीतता है. प्रदेश में इस समय उप चुनाव की सरगर्मियों के चलते आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. ऐसे में जितेंद्र सिंह ने कहा कि उपचुनाव सरकार बनाने के लिए नहीं होते हैं. लेकिन इन चुनावों से सरकार के कार्य निर्भर करते हैं.
बीते दिनों वैभव गहलोत के आरसीए अध्यक्ष बनने के बाद शुरू हुए विवाद पर बोलते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि क्या किसी नेता के पुत्र होना गलत है? उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि मेरी माता जी एमपी थीं. ऐसे में क्या उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस पूरे मुद्दे पर राजनीति हो रही है व भाजपा राजनीति करवा रही है. जितेन्द्र सिंह के मुताबिक व्यक्ति खुद का व्यक्तित्व देखकर ही चुनाव लड़ता है और जीतता है.