बहरोड़ (अलवर). नीमराना थाना पुलिस ने दो दिन पहले हुए टैक्सी व्यवसायी पर फायरिंग की घटना का पर्दाफाश किया है. जिसमें पुलिस ने बताया कि टैक्सी व्यवसायी ने फायरिंग का झूठा षड्यंत्र रचा और पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. जिसके बाद उसे आर्म्स एक्ट और पुलिस को गुमराह करने के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया है.
बता दें कि आरोपी केदार दिल्ली और गुड़गांव के लोगों की गाड़ियों को नीमराणा में फैक्ट्रियों में लगवाने के नाम पर बुला कर उन्हें ट्रायल पर लेता था. उसके बाद उन गाड़ियों के पार्ट्स निकाल कर बेच देता था. इस तरह करीब 50 लोगों के साथ व धोखाधड़ी कर चुका था. जिसका मुकदमा भी केदार के खिलाफ दर्ज था. आरोपी ने जिनसे धोखाधड़ी की थी, वे उस पर दबाव बना रहे थे कि वो उनकी गाडियों के पार्टस लगवाए या फिर उनका जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करे. आरोपी ने उन लोगों को गुमराह करने की कोशिश की. जिससे उसे पैसे नहीं देने पड़े. जिसके बाद उसने खुद पर फायरिंग करने की झुठी साजिश रची. पुलिस ने उसके कब्जे से पिस्टल और चले हुए दो कारतूस बरामद किए हैं.
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नीमराणा के पुलिस उपाधीक्षक लोकेश मीणा ने बताया कि 31 अगस्त को शाम 7:30 बजे भिवाड़ी कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि खोर बसई और गणडाला रोड पर कोई फायरिंग की घटना हुई है. उस पर नीमराणा पुलिस और डीएसटी की टीम मौके पर पहुंची तो वहां केदार मेघवाल निवासी बनेसिंह पुरा ने बताया कि वह गाड़ी से जा रहा था. तभी बाइक से 2 युवक आए और उन्होंने उसकी गाड़ी को रोका और फायरिंग कर दी. पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बाद इस मामले की करीब 2 दिन तक जांच पड़ताल की.
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आईटी शाखा और एफएसएल टीम के के सहयोग से जांच पड़ताल की गई. जिसमें यह बात सामने आई कि इस घटना का सूत्रधार भी खुद केदार ही है. पुलिस ने उसे गहनता से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल लिया. जिसमें आरोपी केदार ने बताया कि उसने ही दो राउंड फायर किए और पिस्टल को पास ही एक कपास के खेत में फेंक दिया था. उसने बताया कि उसपर लोगों का पैसे लौटाने का दबाव था.