अलवर. माउंट आबू से सरिस्का पहुंचे भालुओं को सरिस्का का जंगल रास नहीं आ रहा है. इसलिए भालू लगातार जंगल से निकलकर आसपास के आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं. रविवार को एक मादा भालू बानसूर के एक गांव में पहुंच गई. आसपास के क्षेत्र में आग की तरह यह खबर फैल गई. ग्रामीण दहशत में है. सरिस्का प्रशासन की टीम भालू को रेस्क्यू करने में जुटी है. एक रात मादा भालू ने झाड़ियों में गुजारी. दूसरे दिन भी भालू के मूवमेंट को जंगल की तरफ करने का प्रयास किया जा रहा है.
माउंट आबू के सिरोही के जंगल से चार भालू सरिस्का के जंगल लाए गए कुछ दिनों तक एंक्लोजर में रखने के बाद बादलों को जंगल में छोड़ा गया, उसके बाद से भालू लगातार जंगल छोड़कर आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं. कुछ दिन पहले बालू नारायणपुर क्षेत्र के गांव में पहुंच गए थे, खासी मशक्कत के बाद भालू को वापस प्ले स्टोर करके जंगल की तरफ लाया गया. इस दौरान भालू ने एक वन कर्मी पर हमला किया है उसे घायल कर दिया था. वहीं, रविवार को एक भालू के बानसूर क्षेत्र में पहुंचने की सूचना मिली. यह सूचना पूरे क्षेत्र में फैल गई. सरिस्का की टीम बानसूर के लिए रवाना हुई.
बानसूर के गांव कांजीपुरा में मादा भालू नजार आई. मादा भालू के पीछे वन विभाग के कर्मचारी पसीना बाहर रहे है. बानसूर के गांव कांजीपुरा में सातवां जोहड़ के पास झाड़ियों में भालू छिपी बैठी है. भालू के गांव में आने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. मादा भालू को जंगल रास नहीं आ रहा है, इसलिए ग्रामीण इलाके में बार-बार पहुच रहे हैं.
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वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भालू की निगरानी में लगे हुए हैं. भालू के चलते वन कर्मियों को दौड़ लगानी पड़ रही है. पूरी रात वन विभाग की टीम भालू की निगरानी करती रही और खेत में बैठी रहे. सोमवार को सुबह से ही भालू के मूवमेंट को जंगल की तरफ चेंज करने का प्रयास किया जा रहा है. सरिस्का के डीएफओ डीपी जगावत ने बताया कि भालू का मूवमेंट जंगल की तरफ हो गया है. सरिस्का की टीम लगातार भालू की मॉनिटरिंग कर रही है.