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जालोर से सरिस्का पहुंचा भालू, बढ़ा कुनबा

सरिस्का में रविवार को जालोर के सुंधा माता जंगल से एक नर भालू को लाया गया. ऐसे में अब यहां भालुओं की संख्या बढ़कर तीन हो गई. वहीं, एक और भालू को यहां लाया (Sariska increased number of bears) जाएगा.

Sariska increased number of bears
Sariska increased number of bears
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Published : Apr 23, 2023, 11:03 PM IST

अलवर. जालोर के सुंधा माता जंगल से एक नर भालू रविवार को सरिस्का पहुंचा. सरिस्का में अब भालुओं का कुनबा बढ़कर तीन हो गया है. यहां एक मादा और एक नर भालू माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य से पहले ही लाए गए हैं. वहीं, एनटीसीए की तरफ से 4 भालुओं के सरिस्का में शिफ्ट करने की अनुमति मिली थी. ऐसे में अब केवल एक भालू का शिफ्ट होना बाकी है. देश में भालुओं का पहली बार पुनर्वास सरिस्का में किया गया है.

सरिस्का में चार दिन में तीन भालू शिफ्ट हुए हैं. इनमें दो नर भालू व एक मादा भालू है. अभी एक मादा भालू का पुनर्वास होना बाकी है. इनमें दो भालू को माउंट आबू के जंगल व एक नर भालू को जालोर जिले के सुंधा माता जंगल से लाया गया है. तीनों ही भालू अभी सरिस्का के तालवृक्ष में पिंजरे में हैं. इन भालुओं की वरिष्ठ पशु चिकित्सक, भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञ और सरिस्का सहित अन्य उच्च अधिकारियों की निगरानी में निरंतर स्वास्थ्य जांच की जा रही है.

इसे भी पढ़ें - माउंट आबू से नर भालू सरिस्का रवाना, अब यहां बढ़ेगा भालुओं का कुनबा

सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि भालुओं को भारतीय वन्यजीव संस्थान एवं वरिष्ठ पशु चिकित्सकों की निगरानी में सरिस्का की तालवृक्ष रेंज के एनक्लोजर में छोड़ा गया है. कुछ दिन बाद इन भालुओं को खुले जंगल में छोड़ा जाएगा. भालुओं के पुनर्वास के बाद सरिस्का में पर्यटकों को अब बाघ, पैंथर व अन्य वन्यजीवों की साइटिंग के साथ भालू की साइटिंग भी हो सकेगी.

वहीं, भालुओं का सरिस्का आना अलवर के लिए शुभ संकेत हैं. सरिस्का में 28 बाघ और 200 से ज्यादा पैंथर, कई हजार सांभर, चीतल, लंगूर, बंदर व अन्य वन्यजीव हैं. अब भालुओं के आने से सरिस्का में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

अलवर. जालोर के सुंधा माता जंगल से एक नर भालू रविवार को सरिस्का पहुंचा. सरिस्का में अब भालुओं का कुनबा बढ़कर तीन हो गया है. यहां एक मादा और एक नर भालू माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य से पहले ही लाए गए हैं. वहीं, एनटीसीए की तरफ से 4 भालुओं के सरिस्का में शिफ्ट करने की अनुमति मिली थी. ऐसे में अब केवल एक भालू का शिफ्ट होना बाकी है. देश में भालुओं का पहली बार पुनर्वास सरिस्का में किया गया है.

सरिस्का में चार दिन में तीन भालू शिफ्ट हुए हैं. इनमें दो नर भालू व एक मादा भालू है. अभी एक मादा भालू का पुनर्वास होना बाकी है. इनमें दो भालू को माउंट आबू के जंगल व एक नर भालू को जालोर जिले के सुंधा माता जंगल से लाया गया है. तीनों ही भालू अभी सरिस्का के तालवृक्ष में पिंजरे में हैं. इन भालुओं की वरिष्ठ पशु चिकित्सक, भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञ और सरिस्का सहित अन्य उच्च अधिकारियों की निगरानी में निरंतर स्वास्थ्य जांच की जा रही है.

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सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि भालुओं को भारतीय वन्यजीव संस्थान एवं वरिष्ठ पशु चिकित्सकों की निगरानी में सरिस्का की तालवृक्ष रेंज के एनक्लोजर में छोड़ा गया है. कुछ दिन बाद इन भालुओं को खुले जंगल में छोड़ा जाएगा. भालुओं के पुनर्वास के बाद सरिस्का में पर्यटकों को अब बाघ, पैंथर व अन्य वन्यजीवों की साइटिंग के साथ भालू की साइटिंग भी हो सकेगी.

वहीं, भालुओं का सरिस्का आना अलवर के लिए शुभ संकेत हैं. सरिस्का में 28 बाघ और 200 से ज्यादा पैंथर, कई हजार सांभर, चीतल, लंगूर, बंदर व अन्य वन्यजीव हैं. अब भालुओं के आने से सरिस्का में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

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