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Farmer Protest : राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर से टेंट हटने शुरू, राजाराम बोले- किसानों की ताकत सरकार को घुटनों के बल ले आई

केंद्र सरकार की ओर से किसानों की सभी मांगें (Modi Government Accepted Farmers Demands) मानने के बाद राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर बैठे किसानों ने टेंटों को हटाने का काम (Announcement to End of Farmer Protest) शुरू कर दिया है. राजस्थान किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसानों की बड़ी जीत हुई है.

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राजस्थान हरियाणा बॉर्डर से टेंट हटने शुरू
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Published : Dec 9, 2021, 5:36 PM IST

Updated : Dec 9, 2021, 5:42 PM IST

बहरोड़ (अलवर). किसान नेता राजाराम मील ने बताया कि किसानों की सभी मांगें केंद्र सरकार ने मान ली है, इससे ज्यादा खुशी क्या होगी. शत-प्रतिशत (Rajaram Meel on End of Movement) किसानों की जीत हुई है. केंद्र में बैठी सरकार हिटलर शाही है, यह मानने वाली कहां है. ये किसानों की ताकत थी, सहयोग करने वालों की ताकत थी. सभी सहयोग करने वालों का बहुत-बहुत आभार.

राजाराम मिल ने बताया कि शुक्रवार को 10 बजे मोर्चे की विधिवत विदाई हो जाएगी. केंद्र सरकार तानाशाही सरकार है. इसने किसानों के खिलाफ बहुत ही गलत शब्द बोले हैं. हमें नक्सली, उग्रवादी, पाकिस्तानी पक्ष और खालिस्तानी पक्ष आदि शब्दों की संज्ञा दी, लेकिन आखिर में किसानों की जीत हुई.

राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर से हटने लगे टेंट...

विदेशों से फंडिंग आ रही है, पता नही क्या-क्या कहा. किसान भूलेगा नहीं. आज किसानों की ताकत सरकार को घुटनों के बल ले आई. किसानों की जीत हुई है और शुक्रवार को हम बॉर्डर खाली कर देंगे.

लंबी खींचतान के बाद किसान आंदोलन समाप्त...

लंबी खींचतान के बाद आज गुरुवार को आखिरकार किसान आंदोलन समाप्त (Announcement to End of Farmer Protest) करने का किसान संगठनों ने एलान कर दिया. गुरुवार को सरकार की ओर से भेजा गया किसानों को औपचारिक पत्र में सभी प्रमुख मांगों को मान लिया गया है. सरकार ने किसानों पर दर्ज मामले (Cases Against Farmers) वापस लेने की मांग स्वीकार कर ली है, साथ ही पराली जलाने पर आपराधिक मामला दर्ज नहीं होगा.

पढ़ें : संयुक्त किसान मोर्चा का अनोखा प्रदर्शनः गाड़ियों का हॉर्न बजाकर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर विरोध जताया

पढ़ें : Demand for MSP Law : जब तक एमएसपी कानून नहीं, तब तक घर वापसी नहीं : राजाराम मील

पढ़ें : आंदोलन की शुरुआत में कहीं नहीं थे राकेश टिकैत, धीरे-धीरे बिछाई चुनावी राजनीति की 'चौसर'

इसके अलावा आंदोलन के दौरान मारे गए सभी किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा. पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार पहले ही मृतक किसानों के परिवार को मुआवजा और नौकरी देने का एलान कर चुकी हैं. वहीं, सिंघु बॉर्डर के साथ ही राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों ने टेंट उखाड़ने शुरू कर दिए हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि यह जीत किसानों के बलिदान से मिली है. आगे की रणनीति फिर तैयार करेंगे. 13 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर जाने की बात कही है. गुरनाम सिंह चढुनी ने कहा कि 15 जनवरी को फिर बैठक करेंगे, अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम आंदोलन शुरू करेंगे. मोर्चा का कहना है कि 11 दिसंबर से किसान अपने घरों को लौटने लगेंगे.

बहरोड़ (अलवर). किसान नेता राजाराम मील ने बताया कि किसानों की सभी मांगें केंद्र सरकार ने मान ली है, इससे ज्यादा खुशी क्या होगी. शत-प्रतिशत (Rajaram Meel on End of Movement) किसानों की जीत हुई है. केंद्र में बैठी सरकार हिटलर शाही है, यह मानने वाली कहां है. ये किसानों की ताकत थी, सहयोग करने वालों की ताकत थी. सभी सहयोग करने वालों का बहुत-बहुत आभार.

राजाराम मिल ने बताया कि शुक्रवार को 10 बजे मोर्चे की विधिवत विदाई हो जाएगी. केंद्र सरकार तानाशाही सरकार है. इसने किसानों के खिलाफ बहुत ही गलत शब्द बोले हैं. हमें नक्सली, उग्रवादी, पाकिस्तानी पक्ष और खालिस्तानी पक्ष आदि शब्दों की संज्ञा दी, लेकिन आखिर में किसानों की जीत हुई.

राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर से हटने लगे टेंट...

विदेशों से फंडिंग आ रही है, पता नही क्या-क्या कहा. किसान भूलेगा नहीं. आज किसानों की ताकत सरकार को घुटनों के बल ले आई. किसानों की जीत हुई है और शुक्रवार को हम बॉर्डर खाली कर देंगे.

लंबी खींचतान के बाद किसान आंदोलन समाप्त...

लंबी खींचतान के बाद आज गुरुवार को आखिरकार किसान आंदोलन समाप्त (Announcement to End of Farmer Protest) करने का किसान संगठनों ने एलान कर दिया. गुरुवार को सरकार की ओर से भेजा गया किसानों को औपचारिक पत्र में सभी प्रमुख मांगों को मान लिया गया है. सरकार ने किसानों पर दर्ज मामले (Cases Against Farmers) वापस लेने की मांग स्वीकार कर ली है, साथ ही पराली जलाने पर आपराधिक मामला दर्ज नहीं होगा.

पढ़ें : संयुक्त किसान मोर्चा का अनोखा प्रदर्शनः गाड़ियों का हॉर्न बजाकर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर विरोध जताया

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इसके अलावा आंदोलन के दौरान मारे गए सभी किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा. पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार पहले ही मृतक किसानों के परिवार को मुआवजा और नौकरी देने का एलान कर चुकी हैं. वहीं, सिंघु बॉर्डर के साथ ही राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों ने टेंट उखाड़ने शुरू कर दिए हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि यह जीत किसानों के बलिदान से मिली है. आगे की रणनीति फिर तैयार करेंगे. 13 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर जाने की बात कही है. गुरनाम सिंह चढुनी ने कहा कि 15 जनवरी को फिर बैठक करेंगे, अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम आंदोलन शुरू करेंगे. मोर्चा का कहना है कि 11 दिसंबर से किसान अपने घरों को लौटने लगेंगे.

Last Updated : Dec 9, 2021, 5:42 PM IST
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