अलवर. जिले में 2200 से अधिक एएनएम कार्यरत हैं. जबकि 85 एएनएम देवनारायण योजना के तहत लगी हुईं हैं. इन एएनएम को वेतन समाज कल्याण विभाग की तरफ से दिया जाता है. लेकिन पिछले कुछ समय से जिले में बजट की कमी के चलते एएनएम को वेतन नहीं मिल रहा है. ऐसे में एएनएम को जीवन यापन करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अलवर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में भी हालात इसी तरह से बने हुए हैं.
सामान्य एएनएम को 1 से 2 माह, जबकि देवनारायण योजना के तहत लगी एएनएम 5 से 6 माह का वेतन नहीं मिला है. इस संबंध में स्वास्थ विभाग के उच्चाधिकारियों ने बताया की विधानसभा सत्र के दौरान बजट पास हुआ था. उसके बाद सभी जिलों को बजट जारी कर दिया गया है. जल्द ही सभी एएनएम को वेतन मिल जाएगा. बता दें कि देवनारायण योजना के तहत कार्यरत एएनएम को समाज कल्याण विभाग से बजट मिलेगा. इस पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया बजट की कमी के चलते कुछ दिक्कत आ रही थी. लेकिन अब सभी को पुराना बकाया वेतन मिल जाएगा.
बता दें कि गांव की पूरी जिम्मेदारी एएनएम की होती है. घर-घर जाकर लोगों को दवा देना, टीके लगाना, मौसमी बीमारी के समय लोगों को जागरुक करना सहित ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे करने जैसे सभी काम एएनएम के होते हैं. अन्य कर्मचारियों की तुलना में एएनएम को वेतन भी कम मिलता है. उसके बाद भी अलवर जिले में इनको वेतन नहीं मिल रहा है.
मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी मीणा ने बताया वेतन नहीं मिलने से हमको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि बजट मिलते ही सभी एएनएम को वेतन दिया जाएगा.