बानसूर (अलवर). सरिस्का बाघ परियोजना के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर, डीएफओ विस्थापन जगदीश दहिया, रेंजर शंकर सिंह शेखावत सहित अन्य वनकर्मियों के साथ शनिवार शाम को ग्रामीणों ने मारपीट कर लाठियों और पत्थरों से वाहन के शीशे तोड़ दिए. बाद में देवरा चौकी से वनकर्मी और बाघ मॉनिटरिंग से जुड़े युवकों ने मौके पर पहुंचकर वन अधिकारियों को ग्रामीणों के चुंगल से मुक्त कराया.
जानकारी के अनुसार मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर सरिस्का के अधिकारियों और वनकर्मियों के साथ शनिवार शाम को नाथूसर लॉज जंगल की ओर आ रहे थे. इसी दौरान देवरा मंदिर के नीचे की ओर एक युवक पेड़ों के पत्ते काटने के लिए डांगी ले जाता दिखा. इस पर वन अधिकारियों ने युवक से डांगी छीन ली और जंगल में पेड़ कटाई को लेकर लताड़ लगाई.
वहीं युवक ने आसपास से 20 से 25 युवकों और ग्रामीणों को बुला लिया और वन अधिकारियों पर पथराव किया, जिससे वाहन का शीशा टूट गया. सूचना मिलने पर देवरा चौकी के गार्ड नवीन और बाघ मॉनिटरिंग से जुड़े दो-तीन युवक वहां पहुंचे. युवकों और ग्रामीणों ने इनसे भी मारपीट की. इसके बाद वन गार्ड और बाघ मॉनिटरिंग से लोगों ने वन अधिकारियों को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाया और सरिस्का के अधिकारियों को सूचना दी.
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वन कर्मचारी नवीन कुमार ने बताया, कि चार-पांच युवकों के नामजद सहित 20-25 अन्य लोगों के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से गाड़ी पर पथराव, लाठियों से हमला करने और राजकार्य में बाधा डालने की रिपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज करा दी गई है.
अरिंदम तोमर ने बताया, कि बाघ एसटी13 को ट्रैक करने के लिए गए थे. जंगल में कुछ गलत लोगों के खिलाफ कार्रवाई से ग्रामीण चिंतित थे. इस कार्रवाई में कौन सा वाहन शामिल था. इसकी पूरी तरह से जानकारी नहीं है. विस्थापन का कोई मामला नहीं था. बाद में मैं वहां से आ गया और सिर्फ डीसीएफ और अन्य अधिकारी वहां पहुंच गए.
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वहीं वन्य अधिकारियों की सूचना पर बानसूर थाना अधिकारी सुरेंद्र सिंह देवड़ा मय पुलिस जाब्ते के साथ और उपखंड अधिकारी राकेश मीणा ने रात को मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया. इस मामले में पुलिस जांच कर रही है.