अलवर. जिले के टहला क्षेत्र के खोह में खसरा नंबर 67/97 की खान मंगलवार सुबह अचानक भरभरा कर ढह गई. इस हादसे में एक चालक की दबने से मौत हो गई. इस पूरे मामले की जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है. मामले की पड़ताल के दौरान पता चला है कि इस क्षेत्र से एक नाला गुजर रहा है. सरकारी नियम के हिसाब से नाले से 45 मीटर दूर खान का आवंटन होना चाहिए लेकिन नाले के आसपास 10 खान चल रही है. साफ है कि अधिकारियों की मिलीभगत से इन खानों का आवंटन हुआ है.
जिस जगह यह हादसा हुआ (Alwar Mines Accident) उसके आसपास क्षेत्र में एक नाला है. जो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है. उस नाले के दोनों तरफ करीब 10 खान आवंटित हुई व सभी में काम चल रहा है. सरकारी नियमों को ताक पर रखकर खानों का आवंटन किया गया व इनमें रात दिन खनन कार्य चलता है (Corruption in Alwar mines allocation).
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सुरक्षा मानकों की पालना नहीं
टहला क्षेत्र मार्बल और मार्बल खण्ड के लिए अपनी विशेष पहचान रखता है. सरकारी नियमों को ताक पर रखकर यहां खुलेआम खनन कार्य चल रहा है. सुरक्षा मानकों की पालना नहीं हो रही है. जिले में नीमराणा व रामगढ़ के बाद टहला अवैध खनन का क्षेत्र बन चुका (illegal Mining in Alwar) है. अलवर के काला कुआं निवासी दीपक गुप्ता की टहला क्षेत्र के खोह में खसरा नंबर 67/97 खान है. मंगलवार सुबह खान में खनन कार्य चल रहा था. इसी दौरान पूरी खान भरभरा कर ढह गई. घटना में एक जेसीबी डंपर ट्रैक्टर व बोदन मीणा नाम का एक चालक दब गया.
कई घंटों की मशक्कत के बाद निकाला शव
घटना की सूचना पर बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हुए. कई घंटों की मशक्कत के बाद खान में दबे चालक बोदन मीणा के शव को निकाला जा सका. मृतक के परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर रोड जाम करते हुए हंगामा किया.
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एक साल में 8 मामले सामने आ चुके हैं
अलवर में यह पहला मामला नहीं है. एक साल के दौरान रामगढ़ टहला जिले के अन्य हिस्सों में करीब 8 मामले सामने आ चुके हैं. आए दिन खान ढहने की घटना होती है. उनमें लोगों की जान जाती है. नियमों को ताक पर रखकर जिले में खनन कार्य चल रहा है. खसरा नंबर 67/97, 51/96, 500/03, 35/97, 33/96, 175/08, 924/88, 32/96, 280/06, 924/89 खान का आवंटन हुआ है.