अलवर. अलवर के शिवाजी पार्क कॉलोनी में रहने वाली संतोष नाम की एक महिला ने 2 अक्टूबर 2017 की रात को अपने प्रेमी हनुमान संग मिलकर तीन बेटों, एक भतीजे और पति की बेरहमी से हत्या की थी. साढ़े 5 साल बाद इस मामले में अलवर न्यायालय ने सभी चार आरोपियों को दोषी माना. आज इस मामले में प्रेमी हनुमान और संतोष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.सरकारी वकील ने आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी.
कोर्ट का फैसला- न्यायालय ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई. दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए के आर्थिक दंड का निर्णय सुनाया. न्यायालय के फैसले के बाद दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया.
हनुमान के प्यार में की वारदात- शहर के शिवाजी पार्क कॉलोनी में रहने वाली बनवारीलाल की पत्नी संतोष ने 2 अक्टूबर को अपने प्रेमी हनुमान प्रसाद के साथ मिलकर बेटे अमन, हिमेश, अंजू, वैभव और भतीजे निक्की की चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी थी. इस दौरान पति बनवारीलाल को भी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने इस मामले में संतोष, हनुमान प्रसाद व उसके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार किया.
सनकी संतोष के खुलासे से सब स्तब्ध- पुलिस जांच पड़ताल के दौरान संध्या ने बताया कि उसने रात को खाने में नींद की गोलियां पीसकर दी थी. इसके बाद संतोष ने दरवाजा खोल कर हनुमान व उसके दो साथियों को घर में बुलाया और सोते हुए बनवारीलाल और बेटे अमन पर चाकू से हमला किया और उनकी हत्या की. इसी दौरान वहां सो रहे बच्चे भी जग गए. पकड़े जाने के डर से उन्होंने बच्चों को भी एक के बाद एक मौत के घाट उतार दिया. यह पूरी घटना संतोष खड़ी होकर देखते रही.
मार्शल आर्ट ट्रेनर थी हत्यारिन मां- घटना के बाद संतोष का प्रेमी हनुमान प्रसाद उसकी स्कूटी लेकर गया. स्कूटी को मंडी मोड़ के पास खड़ा किया और तीनों रेलवे स्टेशन टैक्सी करके राजगढ़ चले गए हनुमान प्रसाद उदयपुर से बीपीएड की पढ़ाई कर रहा था. जबकि संतोष ताइक्वांडो एकेडमी में मार्शल आर्ट सिखाने जाती थी. इस दौरान दोनों के बीच मुलाकात हुई और मुलाकात प्यार व अवैध संबंधों में बदल गई.
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फिगर का हमेशा रखा ध्यान- इस घटना ने सभी को हिला कर रख दिया और मानवता शर्मसार हुई. तो जेल में बंद संध्या लगातार झूठ बोलती रही और जेल में भी दिन भर वो व्यायाम करती और खुद को फिट रखती थी. अलवर न्यायालय में इस मामले की लगातार 5 साल तक सुनवाई हुई. सभी सबूत गवाह बचाव पक्ष और विपक्ष की तरफ से पेश किए गए. न्यायालय ने इस मामले में संतोष और उसके प्रेमी हनुमान प्रसाद को हत्या का दोषी करार दिया. सभी बिंदुओं पर बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था.