अलवर. जिले के लोगों को एनसीआर का फायदा मिलता नजर आ रहा है. एनसीआर प्लानिंग बोर्ड का जब गठन हुआ था. उस समय से अलवर जिला एनसीआर क्षेत्र में आता है. लेकिन अलवर के लोगों को आज तक एनसीआर का लाभ नहीं मिला. उल्टा अलवर के लोगों पर हमेशा एनसीआर व राजस्थान की दोहरी मार पड़ी है.लोगों को डबल टैक्स देना पड़ा है.जबकि 2016 में भरतपुर को भी एनसीआर में शामिल कर दिया गया.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले अलवर वह भरतपुर के लिए अब स्पेशल रीजनल प्लान तैयार होगा. प्रदेश सरकार की तरफ से दोनों जिलों में विकास के कार्य कराने के लिए 2041 के हिसाब से रीजनल प्लान बनाया जाएगा.इसमें 2041 तक की संभावनाओं के आधार पर पानी बिजली सड़क फ्लाईओवर सहित सभी विकास के कार्यों को शामिल किया जाएगा.
अलवर से भरतपुर में नई औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने व युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए नई औद्योगिक इकाइयों प्रौद्योगिकी क्षेत्र का भी गठन किया जाएगा. जिससे अलवर भरतपुर के लोगों को एनसीआर में आने का लाभ मिल सके.
इससे पहले अलवर के लिए 2005 से 2021 तक का मास्टर प्लान तैयार किया गया था. लेकिन अलवर वासियों को उसका लाभ नहीं मिला.ना तो बनाए गए प्लान के हिसाब से विकास के कार्य हुए. ना ही युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध हो सके.
अलवर व भिवाड़ी के यूआईटी अधिकारियों की मानें तो इस दिशा में काम शुरू हो चुका है. अलवर से दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस से भी गुजर ना है. इसलिए आने वाले समय के हिसाब से अलवर में विकास की काफी संभावनाएं हैं. तो वही बढ़ती हुई आबादी के हिसाब से सरकार अलवर में नई योजना लाने की तैयारी कर रही है.