अलवर (रामगढ़). जिले में जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को लेकर भरतपुर संभाग की तीसरे चरण की दूसरी बैठक के तहत अलवर में जलवायु के अनुसार फसल चक्र बदलने और किसानों की आमदनी बढ़ाने को लेकर बैठक हुई सम्पन्न. इस दौरान बैठक में कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी मौजूद रहे.
जानकारी के अनुसार शहर में एग्रो क्लाइमेटिक जोन III B (Agro climatic zone) की जर्क बैठक परियोजना निदेशक कार्यालय में की गई. जिसमें III B जोन के रिसर्च और कृषि विस्तार के अधिकारियों के द्वारा भाग लिया गया. बैठक के दौरान आने वाले समय में कृषि विस्तार के किन बिंदुओं पर अनुसंधान किया जाना है, उन पर चर्चा की गई.
बता दें कि किसानों की वर्तमान की समस्याएं और उनके समाधान हेतु भविष्य में क्या कार्य योजना बनाई जानी है, इन बिंदुओं पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित की गई थी. जिसकी अध्यक्षता संयुक्त निदेशक कृषि भरतपुर खंड भरतपुर एवं केंद्र निदेशक कृषि अनुसंधान केंद्र नौगांव केसी शर्मा के द्वारा की गई.
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बैठक के दौरान आत्मा परियोजना के अधिकारी वीरेंद्र सिंह, कृषि विभाग के उप निदेशक पीसी मीणा, उद्यान विभाग के लीला राम जाट की ओर से भी अपने विभाग की उपलब्धियां बताई गई. इसके साथ ही कृषि विभाग के वैज्ञानिक और अधिकारियों ने कपास की फसल में लगने वाले विभिन्न प्रकार के रोग और उसके उपचार, ग्रीनहाउस, उद्यान विभाग की खेती, फल की खेती, फूलों की खेती के बारे में विस्तार से चर्चा की गई.
साथ ही बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि संभाग स्तर पर एक पुस्तिका का प्रकाशन किया जाए, जिससे किसानों को सही जानकारी हासिल हो सके. संभाग स्तरीय गौरतलब है कि इस बैठक में भरतपुर संभाग में आने वाले 5 जिलों के अधिकारियों ने भाग लिया. वहीं, कृषि अनुसंधान केंद्र नौगांवा के कृषि वैज्ञानिक भी मौजूद रहे.