अलवर. कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली गुड़गांव के चक्कर नहीं लगाने होंगे. प्रदेश में जयपुर और बीकानेर के बाद अब अलवर के जिला अस्पताल में मरीजों को कैंसर के इलाज की सुविधा मिल रही है (Cancer Treatment in Government Hospital). प्रतिदिन ओपीडी में 40 से 50 मरीज पहुंच रहे हैं. आसपास के जिलों से भी मरीज आने लगे हैं. अस्पताल में ओपीडी के अलावा सभी तरह की जांच व कीमोथेरेपी की सुविधा मरीजों को मिल रही है.
अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 4000 से ज़्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. दौसा, भरतपुर और मेवात क्षेत्र से भी मरीज यहां आ रहे हैं. लंबे समय से यहां कैंसर के इलाज की सुविधा की मांग उठ रही थी. रोज बड़ी संख्या में कैंसर मरीज इलाज के लिए दिल्ली, गुड़गांव, जयपुर सहित आसपास के शहरों में जाते हैं. अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई.
अस्पताल में कैंसर मरीजों के लिए ओपीडी की सुविधा शुरू हो चुकी है साथ ही मरीजों को कीमोथेरेपी सुविधा भी मिल रही है. प्रतिदिन अस्पताल 40 से 50 मरीज इलाज के लिए ओपीडी में पहुंच रहे हैं. साथ ही मरीजों की कीमोथेरेपी की जा रही है. कई बार 10 से 15 मरीजों की भी कीमोथेरेपी की जाती है.
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बढ़ी संख्या: प्रदेश में जयपुर और बीकानेर के बाद अलवर तीसरा जिला है जहां मरीजों को कैंसर के इलाज की सुविधा मिल रही है. डॉ राकेश गोचर ने बताया कि प्रतिदिन अस्पताल की ओपीडी में कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इनमें भी सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर फिर उसके बाद ब्रेस्ट कैंसर के मरीज इलाज के लिए अस्पताल आ रहे हैं. चिकित्सक के मुताबिक अस्पताल में आने वाले मरीजों को कि सभी जांचें कराई जाती हैं साथ ही अस्पताल में सभी महंगी दवाइयां भी मरीजों को निशुल्क उपलब्ध हो रही हैं.
कीमोथेरेपी के लिए किया जाता है भर्ती: कीमोथेरेपी के लिए अस्पताल में आने वाले मरीजों को भर्ती किया जाता है. उसके बाद कीमोथेरेपी दी जाती है. थेरेपी के बाद मरीज को छुट्टी दी जाती है. डॉक्टर की देखरेख में कीमोथेरेपी की प्रक्रिया होती है. अच्छी बात ये है कि कीमोथेरेपी के लिए मरीजों को अब दूसरे शहर का चक्कर नहीं लगाना होगा.
जल्द मिलेगी रेडियोथैरेपी की सुविधा: अलवर की राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण कार्य चल रहा है. यह काम पूरा होने के बाद अलवर में मेडिकल कॉलेज शुरू होगा. इसके तहत मरीजों को रेडियोथैरेपी की सुविधा मिलेगी. रेडियोथैरेपी की प्रक्रिया के लिए 32 करोड़ रुपए के बजट की आवश्यकता है. अस्पताल प्रशासन की तरफ से बजट का प्रस्ताव तैयार करके स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय भेजा गया है. बजट मिलने के बाद लैब तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.