अलवर. जिले में सरस डेयरी की तरफ से लगातार नकली दूध बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है. बादलपुर चिकाली रोड पर एक गोदाम पर जब टीम ने छापा मारा, तो शौचालय के अंदर नकली दूध बनाने का खेल चल रहा था. डेयरी प्रशासन की टीम को देखकर आरोपी मौके से फरार हो गए.
इसके अलावा वाहनों की जांच पड़ताल के दौरान भी तीन से चार अलग-अलग वाहनों में मिलावटी दूध के ड्रम भरे हुए मिले. जिनको बाद में सड़क पर नष्ट करवाया गया. स्वास्थ्य विभाग में डेयरी प्रशासन की इस कार्रवाई से मिलावटखोरों में हड़कंप मच गया व लोग अपने दुकान और गोदाम बंद करके भाग गए.
अलवर सरस डेयरी चेयरमैन विश्राम मीणा मिलावटखोरों के खिलाफ विशेष अभियान चला रहे हैं. तीन से चार टैंकर मिलावटी दूध के अब तक पकड़े जा चुके हैं. मिलावटी दूध को नाली में बहाया गया है. सरस डेयरी व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दिल्ली मार्ग पर बड़ी कार्रवाई करते हुए वाहनों को चेक किया. इस दौरान पिकअप गाड़ी में नकली दूध मिला. इस दौरान करीब 1500 लीटर दूध सड़कों पर बहाया गया. साथ ही बहादरपुर के पास अवैध कारखानों पर भी छापे मारे गए. इस दौरान एक कारखाने के शौचालय के अंदर नकली पनीर व दूध बनाने का खेल चल रहा था.
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मिलावट का कारोबार करने वाले व्यक्ति ने बताया कि प्रतिदिन 400 से 500 किलो पनीर तैयार किया जाता है. इसे जयपुर, दिल्ली व आसपास के बड़े शहरों में सप्लाई किया जाता है. अधिकतर जगहों पर मिलावटी पनीर काम में लिया जाता है. उन्होंने कहा कि मिलावटी और असली पनीर में ज्यादा फर्क नहीं होता है. इसलिए इसकी पहचान करना आसान नहीं होता है. लोगों से छुपने के लिए शौचालय के अंदर एक गुप्त कमरा बनाया हुआ था. उस कमरे के अंदर मिलावटी दूध-पनीर बनाने का कारखाना चल रहा था. कमरे का दरवाजा शौचालय के अंदर खुलता है. इसके अलावा उसका कोई दरवाजा नहीं है. सरस डेयरी व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सैंपल लिए तो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सामान को जब किया व आरोपी को गिरफ्तार किया.
पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जब आरोपी से पूछताछ की, तो उसने बताया कि वो सालों से इस कारोबार से जुड़ा हुआ है. इस कारोबार में मोटा मुनाफा है. मिलावटी दूध व पनीर तैयार करने में कम खर्च आता है. पाम आयल व अन्य केमिकल मिलाकर दूध व इससे पनीर तैयार किया जाता है. सभी जगहों पर इस पनीर की डिमांड है. जयपुर के अलावा दिल्ली गुड़गांव, गाजियाबाद के होटल-रेस्टोरेंट में इस पनीर की डिमांड रहती है. इसमें एसेंस केमिकल मिलाया जाता है. जिसके चलते स्वाद से इसको पहचाना नहीं जा सकता है.