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अलवर: बानसूर में प्रशासन ने रास्ते पर हो रहे 30 साल पुराने अतिक्रमण को हटाया

अलवर के बानसूर में प्रशासन ने 30 साल पुराने अतिक्रमण को हटाया है. बानसूर तहसीलदार को शिकायत मिली थी कि खसरा नंबर 945 पर 30 सालों से अतिक्रमण कर रखा है. अतिक्रमणकारियों ने भूमि को अपने खेत में मिलाकर जुताई शुरू कर दी थी. जिसके बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया.

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प्रशासन ने रास्ते पर हो रहे 30 वर्ष पुराने अतिक्रमण को हटाया
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Published : Jun 11, 2020, 10:53 PM IST

बानसूर (अलवर). प्रशासन ने भूपसेडा गांव में 30 वर्ष पुराने अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए. रास्ते को खाली कराया है. बानसूर तहसीलदार जगदीश बैरवा ने कार्रवाई करते हुए गांव भूपसेड़ा में आम रास्ते पर अतिक्रमण को हटाकर रास्ता खुलवाया.

तहसीलदार ने बताया कि खसरा नंबर 945 किस्म पर 30 साल से अतिक्रमियों ने अतिक्रमण कर रखा था. जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने बानसूर तहसीलदार को की. साथ ही शिकायत पत्र में बताया गया कि उक्त खसरा नंबर पर जमीन को कास्तकारों ने अपनी जमीन मे मिलाकर उसमें जुताई कर दी है, जिससे आम रास्ता बंद हो गया है.

तहसीलदार ने राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 धारा 91 के तहत कार्रवाई करते हुए शिकायत का सत्यापन पटवारी को मौका रिपोर्ट भेजकर करवाया तो आम रास्ते पर अतिक्रमण मिला. जिसको जेसीबी मशीन के द्वारा तहसीलदार जगदीश बैरवा तथा नायब तहसीलदार अनिल कुमार के नेतृत्व में राजस्व टीम ने मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण हटाया.

पढ़ें: ACB ने RSRDC विभाग में 3 लाख से अधिक की रिश्वत के साथ 3 लोगों को दबोचा

वहीं तहसीलदार ने अतिक्रमणकारियों को दोबारा अतिक्रमण नहीं करने की चेतावनी दी. भू राजस्व अधिनियम के तहत अगर पटवारी की रिपोर्ट में किसी के द्वारा अतिक्रमण किया जाता है तो पहली बार में अतिक्रमण को हटा दिया जाता है और अतिक्रमणकारी को चेतावनी दी जाती है. अगर वह फिर से अतिक्रमण का दोषी पाया जाता है, तो उस पर कार्रवाई की जाती है. भू राजस्व अधिनियम के तहत अतिक्रमण करने वाले को 3 महीने तक की सजा हो सकती है. राज्य सरकारें समय-समय पर भू राजस्व के नियमों में बदलाव करती रहती हैं. हाल के दिनों में अतिक्रमण की घटनाओं में इजाफा देखने को मिला है.

बानसूर (अलवर). प्रशासन ने भूपसेडा गांव में 30 वर्ष पुराने अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए. रास्ते को खाली कराया है. बानसूर तहसीलदार जगदीश बैरवा ने कार्रवाई करते हुए गांव भूपसेड़ा में आम रास्ते पर अतिक्रमण को हटाकर रास्ता खुलवाया.

तहसीलदार ने बताया कि खसरा नंबर 945 किस्म पर 30 साल से अतिक्रमियों ने अतिक्रमण कर रखा था. जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने बानसूर तहसीलदार को की. साथ ही शिकायत पत्र में बताया गया कि उक्त खसरा नंबर पर जमीन को कास्तकारों ने अपनी जमीन मे मिलाकर उसमें जुताई कर दी है, जिससे आम रास्ता बंद हो गया है.

तहसीलदार ने राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 धारा 91 के तहत कार्रवाई करते हुए शिकायत का सत्यापन पटवारी को मौका रिपोर्ट भेजकर करवाया तो आम रास्ते पर अतिक्रमण मिला. जिसको जेसीबी मशीन के द्वारा तहसीलदार जगदीश बैरवा तथा नायब तहसीलदार अनिल कुमार के नेतृत्व में राजस्व टीम ने मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण हटाया.

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वहीं तहसीलदार ने अतिक्रमणकारियों को दोबारा अतिक्रमण नहीं करने की चेतावनी दी. भू राजस्व अधिनियम के तहत अगर पटवारी की रिपोर्ट में किसी के द्वारा अतिक्रमण किया जाता है तो पहली बार में अतिक्रमण को हटा दिया जाता है और अतिक्रमणकारी को चेतावनी दी जाती है. अगर वह फिर से अतिक्रमण का दोषी पाया जाता है, तो उस पर कार्रवाई की जाती है. भू राजस्व अधिनियम के तहत अतिक्रमण करने वाले को 3 महीने तक की सजा हो सकती है. राज्य सरकारें समय-समय पर भू राजस्व के नियमों में बदलाव करती रहती हैं. हाल के दिनों में अतिक्रमण की घटनाओं में इजाफा देखने को मिला है.

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