अलवर. जिले में एक तरफ अमीर हो या गरीब सबने जमकर अतिक्रमण कर रखा है लेकिन इस दौरान नगर परिषद के अधिकारियों का डंडा केवल गरीबों पर ही चलता हुआ नजर आया. जबकि बड़े दुकानदार और मॉल संचालकों की ओर से खुलेआम अतिक्रमण किया जा रहा है लेकिन उस पर नगर परिषद के अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है. ऐसे में गरीब और मजदूर वर्ग के लोग खासे परेशान नजर आए.
बता दें कि अलवर में अतिक्रमण हटाने की कारवाई सोमवार को की गई. कार्रवाई के दौरान यूआईटी उप सचिव जितेंद्र सिंह नरूका, तहसीलदार भानुश्री सहित पुलिस अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे. बाजार सहित शहर की मुख्य सड़क से अतिक्रमण हटाने का विरोध जोर पकड़ता जा रहा था. सोमवार को अतिक्रमण हटाने पहुंचे दल को विरुद्ध का सामना करना पड़ा. हालांकि, कुछ स्थानों पर समझाइश के बाद अतिक्रमण को हटा दिया. ऐसे में खुलेआम गरीबों को परेशान किया जा रहा है, जो दो वक्त की रोटी के लिए सुबह शाम मेहनत मजदूरी करता है. उस पर पूरा परिवार निर्भर होता है लेकिन नगर विकास न्यास और नगर परिषद के उच्चाधिकारियों का उन अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर कोई ध्यान नहीं है. जो बड़े दुकानदारों की ओर से किया जा रहा है.
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नगर विकास न्यास के अतिक्रमण निरोधक दस्ते ने पुलिस की सहायता से शहर की सड़कों से अवैध अतिक्रमण को हटाया. अतिक्रमण निरोधक दस्ते की कार्रवाई से पहले ही सड़कों पर अतिक्रमण करने वालों ने सामान को समेट लिया. टीम ने शहर के SMD चौराहे से लेकर नांगली सर्किल, बिजलीघर सर्किल, भगत सिंह, अंबेडकर जेल चौराहे से बुध विहार तक सड़क पर हो रहे अतिक्रमण को हटवाया. यह कार्रवाई नगर विकास न्यास अलवर नगर परिषद द्वारा संयुक्त रूप से की गई.
अतिक्रमण निरोधक दस्ते में शामिल अधिकारियों ने बताया कि शहर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई है. यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि या तो अतिक्रमण कारी अपने आप ही अवैध अतिक्रमण को हटा लें. अन्यथा विभाग की ओर से अतिक्रमण को हटा कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं कार्रवाई से पहले निश्चित समय पर पुलिस के पहुंचने और यूआईटी के अधिकारियों के नहीं पहुंचने की चर्चा भी लोगों में बनी रही.