अलवर. भ्रष्टाचार निरोधक जयपुर (एसीबी)की टीम ने अलवर नगर परिषद सभापति बीना गुप्ता और उसके बेटे को 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. सोमवार को एक लाख रुपए लेने थे. उसमें 20 हजार रुपए छोड़ दिए थे. 80 हजार रुपए लेते हुए एसीबी की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. जयपुर में अलवर एसीबी की टीम सभापति के निवास पर जांच पड़ताल कर रही है. रिश्वत के रूप में 3 लाख 50 हजार रुपए देना तय हुआ. करीब 1 लाख 35 हजार रुपए पहले दिए जा चुके थे. अब 80 हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया है. सभापति ने खुद के घर पर ऑक्सनर से रिश्वत मांगी थी.
सभापति के खिलाफ एसीबी की टीम को पहले भी कई तरह की शिकायतें मिली. एसीबी ने अधिकारियों ने कह गया सभापति पहले भी कमीशन की राशि में से रिश्वत ले चुकी है. अलवर शहर में नगर परिषद की तरफ से दुकानें अलर्ट की जाती है. आलोटी को 2 प्रतिशत कमीशन मिलता है. उस कमीशन में सभापति बीना गुप्ता कमीशन लेती थी. पहले भी कई बार वो कमीशन ले चुकी है.
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मोहनलाल नाम के व्यक्ति ने एसीबी को शिकायत दी. एसीबी की टीम ने बताया कि सभापति बीना गुप्ता और उसके बेटे कुलदीप 50 हजार रुपए की रिश्वत पहले ले चुके थे. सोमवार को एक लाख रुपए रिश्वत की राशि देनी थी. लेकिन 20 हजार रुपए माफ कर दिए गए. 80 हजार रुपए की राशि मोहनलाल लेकर बिना गुप्ता के घर पहुंचे. वहां रिश्वत की राशि देने के बाद जयपुर एसीबी की टीम ने बीना गुप्ता व उसके बेटे कुलदीप को रंगे हाथ रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार किया. नगर परिषद के परिसर में पार्षद और लोगों ने पटाखे चलाकर अपनी खुशी जाहिर की है.
अस्थाई दुकानों का ऑक्सन करने वाले से कमिशन
अलवर शहर में नगर परिषद की तरफ से दुकानें अलर्ट की जाती है, ऑप्शन प्रक्रिया में प्रचार प्रसार, टेंट लाइट अन्य व्यवस्था करने के लिए टेंडर निकाले जाते हैं. जो यह पूरी प्रकिया करता है. उस नीलामी दाता को नीलामी की राशि का 2 प्रतिशत दिया जाता है. नगर परिषद सभापति बीना गुप्ता ऑप्शन दाता से 50 राशि लेती थी. नगर परिषद में ऑप्शन की प्रक्रिया मोहनलाल नाम का व्यपारी करता है.शिकायतकर्ता मोहनलाल ने एसीबी को सभापति द्वारा रिश्वत लेने की शिकायत थी. सभापति ने इस कार्य के लिए तीन लाख 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी. इसमें से मोहनलाल ने एक लाख 15 हजार रुपए एक दे दिए.
इसके बाद मोहनलाल ने एसीबी को सूचना दी. एसीबी ने मामले का सत्यापन कराया व मोहनलाल को 20 हर रुपए देकर सभापति के पास भेजा. मोहनलाल ने रिश्वत की राशि सभापति को दे दी. उसके बाद एक लाख रुपए ओर देने का तय हुआ.इस पर सोमवार को एक लाख रुपए लेकर मोहनलाल बिना गुप्ता के घर पहुंचे. सुबह बिना गुप्ता व उसका बेटा कुलदीप गुप्ता वहां मौजूद था. उन्होंने एक लाख रुपए लि. उसमें से 20 हजार रुपए वापस मोहनलाल को लौटा दिए. 80 हजार रुपए रख लिए. मोहन लाल के घर से बाहर आते ही जयपुर औऱ अलवर एसीबी की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए बीना गुप्ता औऱ उसके बेटे को 80 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
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एसीबी की टीम ने बताया कि मोहनलाल ने पहले भी अपने कार्य की राशि लेने की एवज में सभापति को रिश्वत दी थी. इसके बाद सभापति ने उनको राशि का चैक दिया था. एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि नीलामी नीलामी प्रकिया करने वाले को नीलामी की राशि का दो प्रतिशत राशि मिलती है. एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि बीना गुप्ता लेनदेन के सभी कार्य अपने घर से करती थी व अपने घर पर ही सभी फाइलें मंगवा दी थी. उन पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. एसीबी के एएसपी बजरंग सिंह शेखावत के नेतृत्व में यह पूरी कार्रवाई हुई.
नगर परिषद में चले पटाखे, नीलामी की एवज में मांगी रिश्वत
जैसे ही नगर परिषद के पार्षद और अन्य लोगों को बीना गुप्ता के ट्रैप होने की सूचना मिली. बड़ी संख्या में लोग नगर परिषद परिसर में जमा हुए. लोगों ने मिलकर पटाखे चलाएं। लोगों ने कहा कि नगर परिषद भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है.भाजपा व कांग्रेस पार्षद बीना गुप्ता पर पहले भी भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं. बीना गुप्ता के खिलाफ कांग्रेस के पार्षद व भाजपा के पार्षद धरना दे चुके हैं.एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि चबूतरा की नीलामी की एवज में रिश्वत मांगी गई थी.
विधायक जौहरी लाल के आरोप सही साबित हुए
राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा ने अलवर में भ्रष्टाचार की बात कही. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच रहा है. यही हालात रहे तो आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाएगी. सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के अगले ही दिन अलवर नगर परिषद के सभापति बीना गुप्ता को एसीबी की टीम ने रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। इस घटना के बाद कांग्रेस के आला अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.