अलवर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने वन विभाग की जमीन के पास स्थित खातेदारी की जमीन समतल नहीं करने की धमकी देकर शुक्रवार को 80 हजार की रिश्वत लेते हुए सहायक वनपाल लक्ष्मीकांत यादव को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई वन नाका टपूकड़ा कार्यालय पर की गई और तलाशी के दौरान वहां से 72 हजार 470 की संदिग्ध राशि बरामद की है.
एसीबी के पुलिस उपाधीक्षक महेंद्र मीणा ने बताया कि परिवादी अफसील की ओर से जरिए रजिस्ट्री ग्राम खोहरी खुर्द तहसील तिजारा जिला अलवर में जमीन जो वन विभाग की भूमि के पास स्थित है. भूमि उबड़-खाबड़ होने के कारण उसे समतल करवाने के लिए कृषि भूमि पर परिवादी अफशील की ओर से जेसीबी भिजवाई गई थी. आरोपी सहायक वनपाल लक्ष्मीकांत मय अपनी टीम के साथ परिवादी की उक्त भूमि पर गए और जेसीबी को कार्य करने से मना कर उसे जब्त करने की धमकी दी. जिसकी सूचना परिवादी को जेसीबी चालक की ओर से दी गई.
पढ़ें- सीकर: फतेहपुर में दो दिवसीय कृषक वैज्ञानिक संवाद का आयोजन
इस पर परिवादी टीम के सदस्यों से मिला तो आरोपी लक्ष्मीकांत सहायक वनपाल ने परिवादी को उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी और उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए फॉरेस्ट गार्ड राकेश यादव द्वारा पहले 20 हजार रुपए लेकर आने की बात कही. इस पर परिवादी ने 7 सितंबर 2020 को ब्यूरो कार्यालय में उपस्थित होकर एक प्रार्थना पत्र पेश किया.
मामले का सत्यापन कराए जाने पर राकेश यादव फॉरेस्ट गार्ड ने परिवादी से डेढ़ लाख रुपए रिश्वत की मांग की. उस समय आरोपी लक्ष्मीकांत सहायक वनपाल की ओर से परिवादी से रिश्वत के संबंध में वार्तालाप नहीं करने के कारण 8 सितंबर 2020 को उन्हें परिवादी वन नाका टपूकड़ा गया एवं आरोपी लक्ष्मीकांत सहायक वनपाल के समक्ष राकेश यादव फॉरेस्ट गार्ड ने अपने द्वारा मांगी गई रिश्वत राशि डेढ़ लाख रुपए में से कम करते हुए 1 लाख रुपए रिश्वत देने के लिए कहाय
इस पर परिवादी की ओर से लक्ष्मीकांत सहायक वनपाल से निवेदन करने पर यह सौदा 80 हजार में तय हुआ और अमित सिंह चौहान फॉरेस्ट गार्ड के माध्यम से सहमत हुए. मामले में टीम ने शुक्रवार को सहायक वनपाल लक्ष्मीकांत यादव को गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल, टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है.