अलवर. राजीव गांधी सामान्य अस्पताल (Rajiv Gandhi General Hospital) में इलाज के लिए हजारों की संख्या में मरीज आते हैं. मरीजों को भीषण गर्मी से राहत मिले इसके लिए अस्पताल प्रशासन की तरफ से कुछ साल पहले अस्पताल की ओपीडी भवन AC डक्टिंग लगवाई थी इससे मरीजों को भीषण गर्मी से राहत मिली. लेकिन दो साल से कोरोना वायरस के चलते AC डक्टिंग बंद पड़ी हुई है. ऐसे में ओपीडी भवन में काम करने वाले स्टाफ गर्मी में परेशान होते हैं. क्योंकि स्टाफ के कमरों में कूलर एसी की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में मरीजों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. साथ ही ओपीडी भवन में दवा काउंटरों पर दवा खराब हो रही हैं.
कुछ दवाओं को रखने के लिए तापमान मेंटेन करने की आवश्यकता होती है. तेज गर्मी पड़ने के कारण दवाइयां खराब हो रही हैं. परेशान स्टाफ ने शनिवार को प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को डक्टिंग शुरू कराने को लेकर ज्ञापन दिया. इस पर अस्पताल प्रशासन ने जल्द AC डक्टिंग शुरू कराने का आश्वासन दिया है.
इसके साथ ही जनाना अस्पताल व शिशु अस्पताल में डक्टिंग की सुविधा नहीं है. दोनों अस्पतालों में जल्द ही डक्टिंग की सुविधा होगी. अस्पताल प्रशासन की तरफ से 12 लाख रुपए का बजट यूआईटी को दिया गया है. जल्द ही कार्य शुरू हो सकता है. यूआईटी के अधिकारियों ने कहा कि कोरोना के चलते टेंडर प्रक्रिया रुकी हुई थी अब कोरोना का प्रभाव कम हुआ है तो जल्द ही कार्य के लिए टेंडर निकाल दिए जाएंगे.
जिला अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीज आते हैं अलवर
अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में प्रतिदिन आमतौर पर चार हजार मरीजों की ओपीडी रहती है. प्रदेश के जिला अस्पतालों में सबसे ज्यादा मरीजों की ओपीडी अलवर में होती है. जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बाद सबसे ज्यादा मरीज इलाज के लिए अलवर के सामान्य अस्पताल में पहुंचते हैं. एक मरीज के साथ 1 और 2 परिजन रहते हैं. ऐसे में अस्पताल परिसर में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहते हैं. गर्मी के समय लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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जनाना अस्पताल और शिशु अस्पताल में मरीजों को मिलेगी राहत
अलवर का जनाना अस्पताल में शिशु अस्पताल का भवन खासा पुराना है. जगह की कमी के कारण हमेशा अस्पताल में लोगों की भीड़ नजर आती है. भीषण गर्मी के दौरान मरीज व उनके परिजनों को परेशान होना पड़ता है. प्रसूता के परिजनों को खुद ही घर से पंखा लाना पड़ता है. लंबे समय से दोनों अस्पतालों में AC डक्टिंग लगवाने की मांग उठ रही थी.