बहरोड़ (अलवर). अलवर जिले के बहरोड़ क्षेत्र में सहकर्मी टीचर को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में एडीजे कोर्ट ने शुक्रवार को चार स्कूल टीचरों को 7-7 साल की सजा (Sentences 4 accused for abetment teacher suicide) सुनाई है. कोर्ट ने आरोपियों पर 5000 का जुर्माना भी लगाया है.
यह पूरा मामला अलवर के मांडन थाना क्षेत्र का है. जहां पर 2014 में एक संस्था को स्कूल चलाने के लिए परमिशन दी थी. जिसमें एक महिला टीचर को चार सहकर्मियों ने बार बार परेशान करना शुरू कर किया जिससे महिला टीचर ने तंग आकर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद परिजनों की ओर से 2014 में ही आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. पूरे मामले की सुनवाई के बाद शुक्रवार को बहरोड़ एडीजे कोर्ट ने मृतका को खुदकुशी के लिए उकसाने में चार शिक्षकों को 7 साल की कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 5 हजरा का अर्थदंड भी लगाया है.
बहरोड़ एडीजे सत्य प्रकाश सोनी ने सुसाइड नोट को अहम सबूत मानकर दोषियों को सजा सुनाते हुए कहा की महिला की लज्जा उसका विशेष आभूषण होता है. स्टाफ की ओर से महिला टीचर के साथ गलत कृत किया गया. जिस पर कोर्ट चारों सहकर्मियों को सजा सुनाई है.
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सरकारी वकील त्रिलोकचंद ने बताया की 22 दिसंबर 2014 को शिक्षिका के परिजनों ने मांडन थाने में मामला दर्ज कराया था. रिपोर्ट में उसने स्कूल में काम करने वाले स्टाफ सुनील बसवाल, राजबाला यादव, पवन यशपाल पर मेंटली टॉर्चर और अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया था. इससे परेशान होकर शिक्षिका ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.