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अलवरः निर्मित मकानों में रह रहे 34 परिवारों को एकाएक किया गया बेदखल

अलवर में पंचायत समिति द्वारा जारी पट्टे की जमीन पर निर्मित मकानों में रह रहे 34 परिवारों को गुरुवार को एकाएक बेदखल करने की कार्रवाई की जाने लगी. यह लोग मांढन गांव के रहने वाले हैं और गुरुवार दोपहर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली से मिले.

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34 परिवारों को एकाएक किया गया बेदखल
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Published : Nov 6, 2020, 2:19 AM IST

अलवर. जिले में पंचायत समिति द्वारा जारी पट्टे की जमीन पर निर्मित मकानों में रह रहे 34 परिवारों को गुरुवार को एकाएक बेदखल करने की कार्रवाई की जाने लगी. यह लोग मांढन गांव के रहने वाले हैं और गुरुवार दोपहर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली से मिले. मंत्री जूली यहां मीटिंग के लिए आए हुए थे.

34 परिवारों को एकाएक किया गया बेदखल

इन लोगों ने बताया कि करीब 34 लोगों को 16 मार्च 1982 को पट्टे जारी किए गए थे. आवंटित की गई इस जमीन पर उन लोगों ने पक्के मकान भी बना लिये. लेकिन अब तहसीलदार द्वारा एक उनकी बेदखली के आदेश जारी कर दिए गए जोकि सरासर गलत है. इन लोगों ने बताया कि जमीन को लेकर उच्च न्यायालय में कोई मामला चल रहा है. जिसकी उनको कोई जानकारी नहीं थी और ना ही उन्हें कभी नोटिस भेजे गये.

पढ़ेंः बाड़मेर : लूणी नदी अतिक्रमण मामले में कलेक्टर-एसपी को फटकार, अब रोज चलेगा अभियान

इस मामले में कोर्ट का क्या निर्णय हुआ इसका भी उन्हें पता नहीं, लेकिन कुछ दिनों पहले यहां तहसीलदार ने कुछ लोगों के राजनीतिक प्रभाव में आकर उनके खिलाफ बेदखली के आदेश जारी करवा दिये. इन लोगों ने कहा कि वह अपने मकानों को छोड़कर कहां जाये यह कोई नहीं बता रहा. फिलहाल उनके सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है और उन्होंने मंत्री से इस मामले में उनकी मदद का आग्रह किया है. इस मामले में श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने एडीएम प्रथम रामचंद्र शर्मा को निर्देशित किया कि इस मामले में जानकारी हासिल करें.

अलवर. जिले में पंचायत समिति द्वारा जारी पट्टे की जमीन पर निर्मित मकानों में रह रहे 34 परिवारों को गुरुवार को एकाएक बेदखल करने की कार्रवाई की जाने लगी. यह लोग मांढन गांव के रहने वाले हैं और गुरुवार दोपहर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली से मिले. मंत्री जूली यहां मीटिंग के लिए आए हुए थे.

34 परिवारों को एकाएक किया गया बेदखल

इन लोगों ने बताया कि करीब 34 लोगों को 16 मार्च 1982 को पट्टे जारी किए गए थे. आवंटित की गई इस जमीन पर उन लोगों ने पक्के मकान भी बना लिये. लेकिन अब तहसीलदार द्वारा एक उनकी बेदखली के आदेश जारी कर दिए गए जोकि सरासर गलत है. इन लोगों ने बताया कि जमीन को लेकर उच्च न्यायालय में कोई मामला चल रहा है. जिसकी उनको कोई जानकारी नहीं थी और ना ही उन्हें कभी नोटिस भेजे गये.

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इस मामले में कोर्ट का क्या निर्णय हुआ इसका भी उन्हें पता नहीं, लेकिन कुछ दिनों पहले यहां तहसीलदार ने कुछ लोगों के राजनीतिक प्रभाव में आकर उनके खिलाफ बेदखली के आदेश जारी करवा दिये. इन लोगों ने कहा कि वह अपने मकानों को छोड़कर कहां जाये यह कोई नहीं बता रहा. फिलहाल उनके सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है और उन्होंने मंत्री से इस मामले में उनकी मदद का आग्रह किया है. इस मामले में श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने एडीएम प्रथम रामचंद्र शर्मा को निर्देशित किया कि इस मामले में जानकारी हासिल करें.

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