अजमेर. धनुष कमान की अगर हम बात करें तो बरबस हमारी आंखों के सामने महाभारत के अर्जुन एकलव्य गुरु द्रोणाचार्य का चेहरा सामने आ जाता है. जहां तीरंदाजी में ही अजमेर की नारेली स्थित हाड़ी रानी बटालियन के कांस्टेबल सुप्यार ने गुरु-शिष्य परंपरा को याद दिलाते हुए चाइना में संपन्न हुए वर्ल्ड पुलिस गेम्स में सोने के तमगे पर निशाना साध कर देश-प्रदेश का गौरव बढ़ाया है.
खास बात यह है कि 2 साल पहले गुरु अर्जुन अवॉर्ड रजत चौहान के सानिध्य में शुरू की गई. साधना से सुप्यार को इस मंजिल तक पहुंचाया है. अजमेर आगमन नारेली स्तिथ हाडी रानी बटालियन में सुप्यार देवी का कमांडेंट अनिल टांक डिप्टी कमांडेंट प्रीति चौधरी डिप्टी कमांडेंट अश्वनी राजौरिया ने सम्मान किया.
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वहीं सुप्यार ने बताया कि 2 साल पहले 2017 में उसने तस्तरी को छोड़कर आर्चरी को चुना. कोच रजत चौहान के बताए गुर को उसने कड़ी साधना से जाते हुए पहले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जनवरी 2019 में चाइना में हुए वर्ल्ड पुलिस गेम्स के टूर्नामेंट में थ्रीडी आर्चरी में गोल्ड टारगेट आर्चरी में ब्रास मेडल जीता है. हालांकि अभी उसका लक्ष्य कॉमन वेल्थ ओलंपिक में अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में सेलेक्ट होकर देश के लिए मेडल को जीतना है. वहीं सुप्यार ने बताया कि फरवरी 2018 में पहला राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट इम्फाल में खेला गया. छठे ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में उसने राजस्थान पुलिस की ओर से एक गोल्ड 3 सिल्वर व कांस्य पदक जीता है.
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इसके बाद झारखंड रांची में हुए सातवें ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में उसने 3 सिल्वर मेडल को जीता 3 सिल्वर मेडल की चमक नहीं. उसकी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित की. साथ ही उसका सिलेक्शन चाइना में होने वाले वर्ल्ड पुलिस गेम्स के लिए किया गया है. साल 2019 में उड़ीसा के कटक में ओपन नेशनल गेम्स में हिस्सा लिया. ऑन टूर्नामेंट में देशभर में जाने-माने तीरंदाजी के महारथी खेल कौशल दिखाने पहुंचते हैं. लेकिन वह अपनी कोच के बताएं टिप्स को ध्यान में रखते हुए ओपन टूर्नामेंट में ब्रांज मेडल जीता है.