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नई गर्ल फ्रेंड से मिलने जा रहे इनामी तस्कर को पुरानी ने पकड़वाया - DRUG SMUGGLER ARRESTED

जोधपुर रेंज की पुलिस साइक्लोनर टीम ने नशे की तस्करी के इनामी तस्कर को गिरफ्तार कर लिया. उसे उसकी पुरानी गर्ल फ्रेंड ने ही पकड़वाया.

drug smuggler Arrested
साइक्लोनर टीम की गिरफ्त में आरोपी तस्कर (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 18, 2025, 10:07 PM IST

जोधपुर: साइक्लोनर टीम लगातार मारवाड़ में नशे के तस्करों पर वार कर रही हैं. टीम ने लंबे समय से वांछित एमडी ड्रग्स के गुजरात में सप्लाई के मास्टर माइंड दिनेश सारण को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है.

रेंज आईजी विकास कुूमार ने बताया कि सोमवार रात को आरोपी दिनेश बिना नंबर की गाड़ी में रिंग रोड होते हुए अपनी गर्ल फ्रेंड से मिलने जा रहा था. उस दौरान उसके पीछे पुलिस की साइक्लोनर टीम लग गई. टीम ने रिंग रोड पर गाड़ी रुकवाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में ड्रग सप्लाई से जुड़े कई राज उगलने की उम्मीद है. उसे पकड़वाने में उसकी पुरानी गर्ल फ्रेंड का हाथ रहा, जिसे वह इन दिनों इग्नोर कर रहा था.

पढ़ें: साइक्लोनर टीम ने 6 साल से फरार 25 हजार का इनामी कुख्यात तस्कर को पकड़ा, दो साथी भी दबोचे

आपरेशन सैंडी चलाया: रेंज आईजी ने बताया कि जोधपुर ग्रामीण के पीपाड़ थाना क्षेत्र के कोसाणा निवासी दिनेश पुत्र महिराम विश्नोई को गिरफ्तार करने के लिए उसके नाम की स्पेलिंग से ही आपरेशन सैंडी का नामकरण किया गया. वह एक वर्ष से फरार था. जोधपुर ग्रामीण एवं पाली दोनों जिलों की पुलिस को वांछित था. आरोपी पाली जिले के बहुचर्चित 1.4 किलो एमडी प्रकरण का सरगना रहा है. आईजी विकास कुमार ने बताया कि अब तक पकड़े गए बडे़ तस्कर अफीम व डोडा से संबंधित थे, लेकिन दिनेश एमडी तस्करी का सूत्रधार है.

25 वर्ष में बना सरगना: उन्होंने बताया कि दिनेश बचपन से ही महत्वाकांक्षी था. उसके पिता का ट्रक का छोटा सा व्यवसाय था. नौकरी व खेती में उसका मन नहीं लग रहा था. बीए दूसरे वर्ष में ही पढ़ाई छोड़कर गांव के कुख्यात तस्कर रामनिवास कोसाणा की संगत में आकर तस्करी में लग गया. उसने अपने एक बड़े भाई के मोरबी गुजरात के ट्रक व्यवसाय और पिता के धंधे का उपयोग करते हुए गुजरात से राजस्थान व एमपी तक तस्करी का नेटवर्क बिछा दिया.

यह भी पढ़ें: शराब तस्करी में बादशाहत पाने के लिए कराई हत्या, पछतावा हुआ तो घूमा मंदिर-मंदिर, पकड़ने पर बोला लग्जरी गाड़ी से जाऊंगा

तीन कार्रवाइयों से लगा झटका तो भागा: चार-पांच वर्षों से उसका धंधा मजबूत चल रहा था, लेकिन पुलिस ने गत वर्ष ड्रग सप्लायरों पर एक के बाद एक लगातार तीन कार्रवाई की तो उसे झटका लगा. साइक्लोनर टीम पीछे लगी तो दिनेश भागकर मोरबी को ठिकाना बनाकर बैठ गया. वहीं से धंधा पुनः स्थापित करने का प्रयास करने लगा.

पुरानी गर्ल फ्रेंड को इग्नोर किया तो हुई नाराज: विकास कुमार ने बताया कि दिनेश ने मोबाइल का प्रयोग छोड़ ही दिया था, लेकिन गर्लफ्रेंड का चक्कर नहीं छूट पाया. गर्लफ्रेंड से मिलने बार-बार जोधपुर आता रहा . यहां महंगी गाड़ियों में गर्लफ्रेंड को घुमाना एवं महंगे उपहार देता था. वह एक के बाद एक कई गर्लफ्रेंड बनाता रहा, लेकिन साथ में पुरानी को भी नहीं छोड़ा. इन्हीं में से एक गर्ल फ्रेंड थी, जिसमें आरोपी दिनेश ने रुचि लेना कम कर दिया था. उसने नाराज होकर साइक्लोनर टीम से संपर्क कर दिनेश की पल-पल की सूचना देना शुरू कर दी. सोमवार रात को भी जब वह गर्ल फ्रेंड से मिलने निकला तो सूचना टीम को मिल गई जिसने उसका पीछा कर पकड़ लिया.

जोधपुर: साइक्लोनर टीम लगातार मारवाड़ में नशे के तस्करों पर वार कर रही हैं. टीम ने लंबे समय से वांछित एमडी ड्रग्स के गुजरात में सप्लाई के मास्टर माइंड दिनेश सारण को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है.

रेंज आईजी विकास कुूमार ने बताया कि सोमवार रात को आरोपी दिनेश बिना नंबर की गाड़ी में रिंग रोड होते हुए अपनी गर्ल फ्रेंड से मिलने जा रहा था. उस दौरान उसके पीछे पुलिस की साइक्लोनर टीम लग गई. टीम ने रिंग रोड पर गाड़ी रुकवाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में ड्रग सप्लाई से जुड़े कई राज उगलने की उम्मीद है. उसे पकड़वाने में उसकी पुरानी गर्ल फ्रेंड का हाथ रहा, जिसे वह इन दिनों इग्नोर कर रहा था.

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आपरेशन सैंडी चलाया: रेंज आईजी ने बताया कि जोधपुर ग्रामीण के पीपाड़ थाना क्षेत्र के कोसाणा निवासी दिनेश पुत्र महिराम विश्नोई को गिरफ्तार करने के लिए उसके नाम की स्पेलिंग से ही आपरेशन सैंडी का नामकरण किया गया. वह एक वर्ष से फरार था. जोधपुर ग्रामीण एवं पाली दोनों जिलों की पुलिस को वांछित था. आरोपी पाली जिले के बहुचर्चित 1.4 किलो एमडी प्रकरण का सरगना रहा है. आईजी विकास कुमार ने बताया कि अब तक पकड़े गए बडे़ तस्कर अफीम व डोडा से संबंधित थे, लेकिन दिनेश एमडी तस्करी का सूत्रधार है.

25 वर्ष में बना सरगना: उन्होंने बताया कि दिनेश बचपन से ही महत्वाकांक्षी था. उसके पिता का ट्रक का छोटा सा व्यवसाय था. नौकरी व खेती में उसका मन नहीं लग रहा था. बीए दूसरे वर्ष में ही पढ़ाई छोड़कर गांव के कुख्यात तस्कर रामनिवास कोसाणा की संगत में आकर तस्करी में लग गया. उसने अपने एक बड़े भाई के मोरबी गुजरात के ट्रक व्यवसाय और पिता के धंधे का उपयोग करते हुए गुजरात से राजस्थान व एमपी तक तस्करी का नेटवर्क बिछा दिया.

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तीन कार्रवाइयों से लगा झटका तो भागा: चार-पांच वर्षों से उसका धंधा मजबूत चल रहा था, लेकिन पुलिस ने गत वर्ष ड्रग सप्लायरों पर एक के बाद एक लगातार तीन कार्रवाई की तो उसे झटका लगा. साइक्लोनर टीम पीछे लगी तो दिनेश भागकर मोरबी को ठिकाना बनाकर बैठ गया. वहीं से धंधा पुनः स्थापित करने का प्रयास करने लगा.

पुरानी गर्ल फ्रेंड को इग्नोर किया तो हुई नाराज: विकास कुमार ने बताया कि दिनेश ने मोबाइल का प्रयोग छोड़ ही दिया था, लेकिन गर्लफ्रेंड का चक्कर नहीं छूट पाया. गर्लफ्रेंड से मिलने बार-बार जोधपुर आता रहा . यहां महंगी गाड़ियों में गर्लफ्रेंड को घुमाना एवं महंगे उपहार देता था. वह एक के बाद एक कई गर्लफ्रेंड बनाता रहा, लेकिन साथ में पुरानी को भी नहीं छोड़ा. इन्हीं में से एक गर्ल फ्रेंड थी, जिसमें आरोपी दिनेश ने रुचि लेना कम कर दिया था. उसने नाराज होकर साइक्लोनर टीम से संपर्क कर दिनेश की पल-पल की सूचना देना शुरू कर दी. सोमवार रात को भी जब वह गर्ल फ्रेंड से मिलने निकला तो सूचना टीम को मिल गई जिसने उसका पीछा कर पकड़ लिया.

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