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पुष्करः विधवा महिला बनीं आत्म स्वावलंबन की मिसाल, सड़क किनारे ठेला लगाकर चला रहीं अपना परिवार - महिला सशक्तिकरण

अजमेर के पुष्कर में एक महिला खुद के और अपने बेटे के जीवन यापन के लिए पिछले 4 साल से सड़क किनारे साउथ इंडियन व्यंजनों का ठेला लगा रही है. महिला के पति का 4 साल पहले बीमारी के कारण देहांत हो गया था. जिसके बाद परिवार चलाने की मजबूरी में महिला ने ये फैसला किया.

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आत्म स्वावलंबन की मिसाल
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Published : Mar 8, 2020, 11:43 PM IST

पुष्कर (अजमेर). आज के समय में जहां महिला सशक्तिकरण की कई योजनाएं भारत की महिलाओं को संबल दे रहीं हैं. वहीं पुष्कर में एक विधवा महिला आत्म स्वावलंबन का प्रतीक बनकर उभरी है. मंगला तिवारी पति के निधन के बाद परिवार का पेट पालने के लिए तीर्थ नगरी पुष्कर में पिछले 4 सालों से साउथ इंडियन व्यंजनों का ठेला लगा रहीं हैं. अपने 18 साल के बेटे कृष्ण तिवारी के साथ जीवन यापन कर रही हैं.

आत्म स्वावलंबन की मिसाल

दरअसल नागौर जिले की मंगला तिवारी 16 साल पहले अपने पति ओमप्रकाश तिवारी के साथ पुष्कर आई थी. यहां उनके पति ओमप्रकाश के साथ किराए के मकान में रहने लगी. इसके बाद उनके पति ओमप्रकाश तिवारी ने ठेला लगाकर साउथ इंडियन व्यंजन बेचने का कार्य शुरू किया. लेकिन चार साल पहले मंगला के पति का बीमारी के कारण निधन हो गया. इसके बाद मंगला पर परिवार चलाने की जिम्मेदारी आ गई. उस समय बेटा कृष्ण सिर्फ 14 साल का था. वह स्कूल में पढ़ाई कर रहा था.

ये पढ़ेंः महिला दिवस विशेष: महज 8वीं पास रूमादेवी ने 22 हजार महिलाओं को दिया रोजगार, जानिए कैसे?

इसके बाद मंगला ने निश्चय किया कि वे भी अपने पति की तरह ठेला लगाकर साउथ इंडियन व्यंजन बेचेंगी. अपने बेटे कृष्ण को पढ़ा लिखा कर बड़ा अधिकारी बनाएंगी. वर्तमान में मंगला तिवारी पुष्कर के होली का चौक के पास रोजाना शाम को साउथ इंडियन व्यंजन का ठेला लगाती हैं. जिसमें मसाला डोसा सहित अन्य साउथ इंडियन व्यंजन को बनाकर बेचती है. बेटा कृष्ण अब 18 साल का हो गया है और मां के इस कार्य में थोड़ा बहुत सहयोग भी कर देता है.

पुष्कर (अजमेर). आज के समय में जहां महिला सशक्तिकरण की कई योजनाएं भारत की महिलाओं को संबल दे रहीं हैं. वहीं पुष्कर में एक विधवा महिला आत्म स्वावलंबन का प्रतीक बनकर उभरी है. मंगला तिवारी पति के निधन के बाद परिवार का पेट पालने के लिए तीर्थ नगरी पुष्कर में पिछले 4 सालों से साउथ इंडियन व्यंजनों का ठेला लगा रहीं हैं. अपने 18 साल के बेटे कृष्ण तिवारी के साथ जीवन यापन कर रही हैं.

आत्म स्वावलंबन की मिसाल

दरअसल नागौर जिले की मंगला तिवारी 16 साल पहले अपने पति ओमप्रकाश तिवारी के साथ पुष्कर आई थी. यहां उनके पति ओमप्रकाश के साथ किराए के मकान में रहने लगी. इसके बाद उनके पति ओमप्रकाश तिवारी ने ठेला लगाकर साउथ इंडियन व्यंजन बेचने का कार्य शुरू किया. लेकिन चार साल पहले मंगला के पति का बीमारी के कारण निधन हो गया. इसके बाद मंगला पर परिवार चलाने की जिम्मेदारी आ गई. उस समय बेटा कृष्ण सिर्फ 14 साल का था. वह स्कूल में पढ़ाई कर रहा था.

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इसके बाद मंगला ने निश्चय किया कि वे भी अपने पति की तरह ठेला लगाकर साउथ इंडियन व्यंजन बेचेंगी. अपने बेटे कृष्ण को पढ़ा लिखा कर बड़ा अधिकारी बनाएंगी. वर्तमान में मंगला तिवारी पुष्कर के होली का चौक के पास रोजाना शाम को साउथ इंडियन व्यंजन का ठेला लगाती हैं. जिसमें मसाला डोसा सहित अन्य साउथ इंडियन व्यंजन को बनाकर बेचती है. बेटा कृष्ण अब 18 साल का हो गया है और मां के इस कार्य में थोड़ा बहुत सहयोग भी कर देता है.

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