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अजमेर के आनासागर झील पर जलकुंभी का बढ़ रहा कब्जा

अजमेर की ऐतिहासिक आनासागर झील पर जलकुंभी का कब्जा बढ़ता जा रहा है. नगर निगम इस ऐतिहासिक झील पर अपना ध्यान नहीं दे रही है. जिसके चलते इसकी सुंदरता अब धीरे-धीरे खत्म हो रही है.

anasagar lake, जलकुंभी का कब्जा
आनासागर झील पर जलकुंभी का कब्जा
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Published : Dec 7, 2020, 2:08 PM IST

अजमेर. ऐतिहासिक आनासागर झील पर धीरे-धीरे जलकुंभी का कब्जा बढ़ता जा रहा है. पर्यटन की दृष्टि से ऐतिहासिक आनासागर झील अपना एक अलग ही स्थान रखती है. तो वहीं अजमेर की 2 झीले हैं, जो काफी प्रसिद्ध है एक तरफ तो फायसागर झील तो वहीं दूसरी तरफ आनासागर झील जिस पर अब जलकुंभी का कब्जा बढ़ता ही जा रहा है.

आनासागर झील पर जलकुंभी का कब्जा

मानवाधिकार परिषद के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश गुप्ता ने कहा कि नगर निगम इस ऐतिहासिक झील पर अपना ध्यान नहीं दे रही है. जिसके चलते इसकी सुंदरता अब धीरे-धीरे खत्म हो रही है. शैलेश गुप्ता ने कहा कि लगातार जलकुंभी का फैलाव बढ़ता जा रहा है. इसको देखते हुए नगर निगम विभाग को जलकुंभी निकालने की मशीन को खरीद लेना चाहिए क्योंकि कब तक किराए पर मशीन लेकर जलकुंभी को निकालने का कार्य किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बांडी नदी में जलकुंभी निकालने के लिए मशीन को लगाया गया है लेकिन केवल मात्र एक दिन ही मशीन चली थी उसके बाद मशीन को जलकुंभी निकालने के लिए शुरू नहीं किया गया है.

यह भी पढ़े: भीलवाड़ा: मारुति वैन और ट्रेलर में भीषण टक्कर, 5 की दर्दनाक मौत

गुप्ता ने कहा कि बांडी नदी के अलावा अब यह जलकुंभी अपना फैलाव बढ़ाती जा रही है. रामप्रसाद घाट रीजनल चौपाटी के आसपास का क्षेत्र, लिंक रोड आनासागर चौपाटी क्षेत्र के आसपास धीरे-धीरे जलकुंभी का फैलाव बढ़ता जा रहा है. प्रशासन को इस और ध्यान देने की जरूरत है. अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद की जा रही है लेकिन पर्यटन की दृष्टि से बात की जाए तो गंदगी और जलकुंभी के आलम के बाद कोई भी पर्यटक आनासागर झील के आसपास घूमने नहीं आ रहा है.

स्मार्ट शहर अजमेर की सुंदरता ऐतिहासिक आनासागर झील से है जिसे महाराजा अर्णोराज ने स्थापित किया था. लेकिन अब झील ही अपनी पहचान खोते हुए नजर आ रही है. जिस तरह अजमेर की आनासागर झील के चारों और स्मार्ट सिटी के तहत पाथवे बनाया गया था. पर्यटन की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा मिले इस को ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण किया गया था लेकिन जलकुंभी की तरफ नगर निगम विभाग और स्मार्ट सिटी ध्यान नहीं दे पा रहा है.

अजमेर. ऐतिहासिक आनासागर झील पर धीरे-धीरे जलकुंभी का कब्जा बढ़ता जा रहा है. पर्यटन की दृष्टि से ऐतिहासिक आनासागर झील अपना एक अलग ही स्थान रखती है. तो वहीं अजमेर की 2 झीले हैं, जो काफी प्रसिद्ध है एक तरफ तो फायसागर झील तो वहीं दूसरी तरफ आनासागर झील जिस पर अब जलकुंभी का कब्जा बढ़ता ही जा रहा है.

आनासागर झील पर जलकुंभी का कब्जा

मानवाधिकार परिषद के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश गुप्ता ने कहा कि नगर निगम इस ऐतिहासिक झील पर अपना ध्यान नहीं दे रही है. जिसके चलते इसकी सुंदरता अब धीरे-धीरे खत्म हो रही है. शैलेश गुप्ता ने कहा कि लगातार जलकुंभी का फैलाव बढ़ता जा रहा है. इसको देखते हुए नगर निगम विभाग को जलकुंभी निकालने की मशीन को खरीद लेना चाहिए क्योंकि कब तक किराए पर मशीन लेकर जलकुंभी को निकालने का कार्य किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बांडी नदी में जलकुंभी निकालने के लिए मशीन को लगाया गया है लेकिन केवल मात्र एक दिन ही मशीन चली थी उसके बाद मशीन को जलकुंभी निकालने के लिए शुरू नहीं किया गया है.

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गुप्ता ने कहा कि बांडी नदी के अलावा अब यह जलकुंभी अपना फैलाव बढ़ाती जा रही है. रामप्रसाद घाट रीजनल चौपाटी के आसपास का क्षेत्र, लिंक रोड आनासागर चौपाटी क्षेत्र के आसपास धीरे-धीरे जलकुंभी का फैलाव बढ़ता जा रहा है. प्रशासन को इस और ध्यान देने की जरूरत है. अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद की जा रही है लेकिन पर्यटन की दृष्टि से बात की जाए तो गंदगी और जलकुंभी के आलम के बाद कोई भी पर्यटक आनासागर झील के आसपास घूमने नहीं आ रहा है.

स्मार्ट शहर अजमेर की सुंदरता ऐतिहासिक आनासागर झील से है जिसे महाराजा अर्णोराज ने स्थापित किया था. लेकिन अब झील ही अपनी पहचान खोते हुए नजर आ रही है. जिस तरह अजमेर की आनासागर झील के चारों और स्मार्ट सिटी के तहत पाथवे बनाया गया था. पर्यटन की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा मिले इस को ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण किया गया था लेकिन जलकुंभी की तरफ नगर निगम विभाग और स्मार्ट सिटी ध्यान नहीं दे पा रहा है.

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