अजमेर. राजस्थान की अजमेर पुलिस ने वाहन चोरी के मामले में बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने चार वाहन शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में शातिर वाहन चोरों ने चौंकाने वाले (Vicious Vehicle Thieves in Police Custody) खुलासे किए हैं. वाहन चोर ने वाहन चोरी करने का लाइव डेमो भी दिखाया. खास बात यह है कि पुलिस के हत्थे चढ़ी वाहन चोर गैंग वाहनों के ब्रांड के अनुसार वारदात किया करती है.
अजमेर पुलिस रेंज के आईजी रूपिंदर सिंह ने बताया कि वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले चार शातिर वाहन चोरों को गिरफ्तार किया गया है. इनसे मामले में अनुसंधान किया जा रहा है. इसमें और भी गिरफ्तारी होना संभव है. उन्होंने बताया कि पूछताछ में पुलिस की गिरफ्त में आए शातिर वाहन चोरों से बड़े खुलासे हुए. आईजी सिंह ने बताया कि (Live Demo of Car Theft) शातिर वाहन चोर गैंग के सदस्य ब्रांड के अनुसार वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं. पुलिस के हत्थे चढ़े वाहन चोर गिरोह के सदस्य लग्जरी कार ही चुराते हैं.
उन्होंने बताया कि एक कंपनी की कारों का लॉक सिस्टम सॉफ्टवेयर पर आधारित है, जिसकी सारी जानकारी गाड़ी में लगी चिप में होती है. यह शातिर चोर उस चीज को तोड़ देते हैं और नया चिप बनाकर उस गाड़ी को चुरा लेते हैं. इन्हीं शातिर चोरों द्वारा चुराई गई गाड़ियां, अन्य आपराधिक गतिविधियों में काम में ली गई हैं, इसकी जानकारी भी पुलिस के सामने आई है. उन्होंने बताया कि इन शातिर चोरों के पास (Vehicle Thief Gang Exposed in Ajmer) चुराई गईं गाड़ियां रखने का भी स्टोर है, जहां से वे गाड़ियों का उपयोग करते हैं या फिर उन्हें बेच देते हैं.
अजमेर रेंज आईजी रूपिंदर सिंह ने बताया कि शातिर वाहन चोर कंपनी की गाड़ियों को किस तरह से चुराते हैं, इसके बारे में लाइव डेमो करके एक चोर ने खुद बताया. पुलिस भी चाहती है कि यह डेमो आमलोग भी देखें, ताकि वह सजग हो सकें और अपने वाहन की कैसे सुरक्षा करें यह देख सकें. उन्होंने बताया कि पार्किंग गाड़ी खड़ी करने के उपरांत सीसीटीवी देखकर हम गाड़ी की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त हो जाते हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. जब तक कि हम चोर के वाहन चुराने के तरीके को नहीं समझेंगे. कार कंपनियों को भी बेहत्तर सिक्योरिटी के बारे में सोचना चाहिए. आईजी सिंघ ने बताया कि चौपाया वाहन चोरी के और भी तरीके हैं, जैसे नंबर प्लेट को बदलना या हटा देना यह पुराना तरीका है. वाहन चोरी करने का यह नया तरीका यह सामने आया है.
पढ़ें : कैब चालक का अपहरण कर बंधक बना मांगी फिरौती, दिया लूट की वारदात को अंजाम
40 वाहन चोरी की वारदातों का हुआ खुलासा : आईजी रूपिंदर सिंह ने अजमेर पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि पुलिस ने टेक्निकल और स्टैंडर्ड पुलिसिंग का उपयोग वाहन चोरों की गिरफ्तारी में किया है. उन्होंने बताया कि अभी तक पुलिस के हाथ आए चार वाहन चोरों से 40 वाहन चोरी की वारदातों के बारे में जानकारी मिली है. इन शातिर चोरों के कब्जे से 11 गाड़ियां बरामद की गई हैं. 11 चोरी के वाहनों का भी पता चला है, जो अन्य मुकदमों में अलग-अलग थानों में जब्त हैं. साथ ही आरोपियों से तकनीकी उपकरण भी बरामद किए गए हैं, जिनका उपयोग यह चोरी की वारदात को अंजाम देने में किया करते हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस के पास अपना एक सूचना तंत्र होता है, जिसके माध्यम से यह शातिर चोर हाथ आए हैं. इनसे अभी और खुलासे होना शेष है.
यह हैं शातिर चोर : अजमेर पुलिस के हत्थे चढ़े शातिर वाहन चोरों में सवाई माधोपुर निवासी कुंजी लाल गुर्जर, दौसा निवासी विनोद कुमार मीणा. आईजी सिंह ने बताया कि वर्ष 2008 में भी इन दोनों शातिर वाहन चोरों को अजमेर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इन दोनों शातिर वाहन चोरों के खिलाफ राजस्थान के कई थानों में मुकदमे दर्ज है. इन आरोपियों के दो साथी जोधपुर का निवासी विमल कुमार और रामनिवास बिश्नोई है. पुलिस ने सभी साथियों से उनके साथियों और मामले से संबंधित अनुसंधान कर रही है. उम्मीद है कि आरोपियों से आगे भी जल्द बड़े खुलासे होंगे. अजमेर एसपी चुनाराम जाट ने बताया कि आरोपियों ने राजस्थान के विभिन्न जिलों में इतनी वारदातें कर रखी है कि अब इनको भी नहीं पता कि इन आरोपियों ने कहां-कहां और कब वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है.
वाहन के सिक्योरिटी सिस्टम को करते थे लेप्स : आईजी रूपिंदर सिंह ने बताया कि पुलिस के हत्थे चढ़े चारों वाहन चोर एक ही ब्रांड की कार चुराते हैं. कार में लगे सिक्योरिटी सिस्टम को यह शातिर लेप्स कर देते हैं. इसमें वह एक विशेष प्रकार का सॉफ्टवेयर उपयोग करते हैं. ब्रांड वाइज कारों का सॉफ्टवेयर लेप्स करने का उनके पास अलग से सॉफ्टवेयर है. इसके माध्यम से यह वाहन के सिक्योरिटी सिस्टम को खत्म कर देते हैं. उसके बाद वाहन में लगी चिप को बदल देते हैं. ये शातिर चोर लग्जरी गाड़ी की चोरी ज्यादा करते हैं. उन्होंने बताया कि इन गाड़ियों की खूबियों की वजह से ये वाहन चोरों की पसंदीदा गाड़ी बन गई हैं.
वाहन मालिक रहें सजग : आईजी रूपिंदर सिंह ने बताया कि दो पहिया वाहन मालिकों को गाड़ी सुरक्षा के लिए अलग से सिक्योरिटी सिस्टम अपनाना चाहिए. मसलन व्हील में लॉक लगाने या गेयर को लॉक करने वाले एक्स्ट्रा सिक्योरिटी फीचर्स भी मार्केट में उपलब्ध है जो वाहनों को चोरों से बचाते हैं. उन्होंने बताया कि वाहन चोरी की वारदात सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई है तो उससे अलग जानकारी मिल सकती है. वाहन कि सुरक्षा पुराने सिक्योरिटी सिस्टम के आधार पर भी की जा सकती है.
अनुसंधान में कार कंपनी को भी करेंगे शामिल : आईजी सिंघ ने बताया कि वाहन चोरी के इस शातिर आना मामले में कंपनी को भी अनुसंधान में शामिल किया जाएगा, ताकि मामले में कार कंपनी के एक्सपर्ट का सहयोग लिया जा सके. साथ ही कंपनी के सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स को भी यह बताया जा सके कि वाहन चोर किस तरह से कार के सिक्योरिटी सिस्टम को तोड़ रहे हैं.