अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के मद्देनजर जियारत के लिए आने वाले जायरीन की सहूलियत के लिए प्रशासनिक स्तर पर इंतजाम किए जा रहे हैं. अजमेर आने वाले जायरीन में बड़ी संख्या गरीब तबके से होती है, जो देश के कोने-कोने से यहां आते हैं. ऐसे में उनके खाने-पीने की व्यवस्था को लेकर भी प्रशासन जुटा हुआ है.
ख्वाजा गरीब नवाज के 812वें उर्स के तहत अजमेर में तैयारियां जारी हैं. अजमेर आने वाले जायरीन के ठहरने के लिए कायड विश्राम स्थली में व्यवस्था रहेगी. जिला रसद विभाग की ओर से जायरीन को खाना बनाने के लिए न्यूनतम दर से गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाया जाएगा. जरीन अपना खाना खुद बना पाएंगे. इसके अलावा जायरीन के लिए फूड पैकेट की भी व्यवस्था की गई है. विभाग की ओर से न्यूनतम दर से गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री विक्रय की जाएगी. इस संबंध में रसद विभाग ने कार्य योजना तैयार कर ली है.
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40 रुपए में मिलेगा फूड पैकेट: जिला रसद विभाग के अधिकारी राधेश्याम डेलू ने बताया कि विश्राम स्थली पर किराना सामग्री और फूड पैकेट निर्धारित दरों पर उपलब्ध करवाई जाएगी. इस व्यवस्था के लिए अधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है. उन्होंने बताया कि किराने की सामग्री के अलावा आलू, प्याज, अंडे, हरी सब्जी आदि वस्तुएं और फूड पैकेट निर्धारित दर पर जायरीन को बिक्री की जाएगी. उन्होंने बताया कि हर काउंटर पर खाने के पैकेट की दर 40 रुपए अंकित की जाएगी ताकि जायरीन से फूड पैकेट की एवज में कोई ज्यादा रुपए नहीं ले सके. दुकानदार की ओर से उत्तम गुणवत्ता की खाद्य सामग्री का ही विक्रय किया जाएगा.
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10 प्रति घंटे में जायरीन पका सकेंगे खुद का खाना: कायड़ विश्राम स्थली में उर्स मेले के दौरान बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं. इनमें से ज्यादातर जायरीन अपना खाना खुद बनाते हैं. ऐसे जायरीन को न्यूनतम दर से गैस उपलब्ध करवाई जाएगी. जिला रसद अधिकारी राधेश्याम डेलू ने बताया कि 812वें उर्स मेले के अवसर पर आने वाले जायरीन को खाना पकाने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 15 गैस एजेंसियों को नियुक्त किया गया है. इन गैस एजेंसियों की ओर से 5-5 चूल्हों की सेटअप के साथ संचालन के लिए एक-एक गैस मैकेनिक को निर्धारित यूनिफार्म के साथ नियुक्त किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जायरीन से खाना पकाने की एवज में गैस एजेंसियों की ओर से 10 रुपए प्रति घंटा लिए जाएंगे.