अजमेर. धार्मिक पर्यटक नगरी अजमेर में जनता को राहत पहुंचाने के लिए दो रेलवे फाटक के ऊपर रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण कार्य 5 वर्ष पहले शुरू हुआ था. लेकिन निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ. पिछले एक साल से दोनों ही रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य बंद पड़ा है. जनता के पैसे से करोड़ों रुपए की लागत से बन रहे रेलव ओवर ब्रिज जनता को राहत देने की बजाय आहत कर रहे हैं. अधूरे पड़े दोनों रेलवे ओवर ब्रिज जनता को अब मुंह चिढ़ा रहे हैं. वहीं राज्य सरकार और रेलवे के बीच मामला उलझकर रह गया है.
अजमेर में गुलाब बाड़ी फाटक और सरस डेयरी रेलवे फाटक पर 5 वर्ष पहले बनना शुरू हुए ओवर ब्रिज का काम रेलवे और राज्य सरकार के बीच उलझ कर रह गया है. अजमेर की जनता की वर्षों की मांग को पूरा करते हुए राज्य सरकार के राजस्थान स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने 5 वर्ष पहले रोड का काम शुरू किया था. मगर रेलवे फाटक के दोनों और ओवर ब्रिज बनने के बाद इसके काम पर ब्रेक लग गए. यानी ओवर ब्रिज फाटक को क्रॉस नही कर सका. दरसअल और ब्रिज निर्माण कार्य का जिम्मा राजस्थान स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन का है लेकिन जब फाटक के ऊपर से रेलवे ओवरब्रिज बनाया जाता है तो रेलवे की निर्धारित शर्तो के अनुसार ही काम किया जाता है. ताकि विद्युतीकरण और अन्य तकनीकी खामियां रेल के आवागमन में अड़चन न बने.
वहीं रेलवे के इंजीनियर की देखरेख में ही फाटक के ऊपर से ओवरब्रिज का निर्माण होता है. अजमेर रेल मंडल के सीनियर वाणिज्य प्रबंधक सुनील महला ने बताया कि राजस्थान स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने दोनों ही रेलवे फाटक पर बनाए जाने वाले ओवरब्रिज की ड्राइंग (नक्शा) रेलवे को अभी तक नहीं दिया है. जबकि यह नियमानुसार आवश्यक है. ड्राइंग देखने के बाद सभी तकनीकी पहलुओं पर विचार कर रेलवे स्वीकृति प्रदान करती है. उन्होंने बताया कि रेलवे केवल अपने क्षेत्र में बनने जा रहे ओवरब्रिज के हिस्से की ही मॉनिटरिंग करेगा. ओवरब्रिज निर्माण कार्य का काम राजस्थान स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन का है. कॉरपोरेशन ने 9 माह से ड्राइंग रेलवे को नहीं दी.
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गुलाबबाड़ी फाटक पर ब्रिज निर्माण से पहले तोड़ी गई थी 70 दुकानें : गुलाब बाड़ी फाटक पर दोनों ओर ओवर ब्रिज के पिलर खड़े हैं लेकिन काम अधर में लटक गया है. गुलाब बाड़ी फाटक एकमात्र विकल्प है करीब 3 वार्ड और दर्जनों गांव के लोगों को जिला मुख्यालय से जोड़ने का मार्ग है. इस मार्ग से ही श्रीनगर गांव के समीप से गुजर रहे नेशनल हाईवे नंबर 8 तक पहुंचा जाता है. रेलवे की फाटक से प्रतिदिन 50 से भी अधिक ट्रेनों का आवागमन होता है. इस कारण लंबे समय तक रेलवे की सुरक्षा फाटक बंद रहती है. तब दोनों और वाहनों की लंबी कतारें लग जाती है. फाटक खुलने के बाद यहां हर रोज जाम की स्थिति बन रहती है. कई बार एंबुलेंस और अग्निशमन गाड़ियां भी जाम में फंस जाती है. बीमार, हादसे में घायल और गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल ले जाना भी मुश्किल हो जाता है. गुलाब बाड़ी फाटक का निर्माण कार्य 5 वर्ष पहले शुरू हुआ था. इसके लिए गुलाब बाड़ी फाटक पर प्रशासन ने 70 दुकानें तोड़ लोगों को बेरोजगार किया था. 39 करोड़ रुपए की लागत से 5 वर्ष पहले ओवर ब्रिज के निर्माण का कार्य शुरू हुआ. मगर इस बीच कई बार काम रुक भी गया. अभी पिछले एक वर्ष से ब्रिज निर्माण में ब्रेक लगे हैं. क्षेत्र की जनता को राहत देने की जगह ब्रिज आहत कर रहा है. ब्रिज निर्माण कार्य अधूरा है इस कारण सड़कों की मरम्मत भी नहीं हो रही है. इस कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं.
डेयरी फाटक पर ओवर ब्रिज 2 वर्ष पहले अटका काम : अजमेर डेयरी फाटक का काम सन 2016 में 20 करोड़ रुपए की लागत से शुरू हुआ था. जिसमें 14.98 करोड़ रुपए का दोबारा बजट स्वीकृत किया गया था. विगत दो वर्ष से रेलवे ओवर ब्रिज का काम अटका हुआ है. दर्जनों गांव और शहर की बड़ी आबादी के लिए डेयरी फाटक मुख्य मार्ग है. लगभग 60 हजार की आबादी को निर्माण कार्य पूरा होने से राहत मिलेगी. मगर दो वर्ष से अधूरा ब्रिज का निर्माण परेशानी का सबब बना हुआ है. कॉर्पोरेशन ने फाटक के दोनों ओर सीमेंट के ब्लॉक लगा कर रास्ता बंद कर दिया है. ऐसे में मुख्य सड़क तक आने में लोगों को लंबा रास्ता तय करना पड़ता है. यहां भी अधूरे ब्रिज के कारण सड़कों के हाल बेहाल हैं.
यह बोले लोग : स्थानीय निवासी गंगा सिंह गुर्जर बताते हैं कि राज्य सरकार और रेलवे विभाग के बीच गुलाब बाड़ी फाटक और डेयरी फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण कार्य अधर में है. इस कारण आमजन को काफी परेशानी होती है. आपात स्थिति में हालात और भी मुश्किल बन जाते हैं. गुलाबबाड़ी फाटक पर तो जाम की वजह से एंबुलेंस और अग्निशमन की गाड़ियां भी फंस जाती है. राज्य सरकार और रेलवे मिलकर जो भी तकनीकी खामियां आ रही है उसे दूर कर जनता को राहत दे. श्री अजयमेरु व्यापार महासंघ के महासचिव रमेश लालवानी ने बताया कि स्थानीय प्रशासन की लापरवाही है कि 2 वर्ष में भी दोनों ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका. लालवानी ने मांग की कि जनता को राहत देने के उद्देश्य से शुरू हुए इस कार्य को लंबित करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं ब्रिज निर्माण कार्य जल्द पूरा होना चाहिए. स्थानीय निवासी सागर मीणा बताते हैं कि ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ और अब अंडर पास बनाए जाने की बात सुनने में आ रही है. अजमेर में एक भी अंडरपास सुरक्षित नहीं है बरसात में सभी अंडरपास में पानी भर जाता है. मीणा ने बताया कि डेयरी फाटक को दोनों ओर से बंद करने के कारण लोगों को रोजाना परेशानी होती है. प्रशासन को जल्द ही ओवर ब्रिज निर्माण कार्य पूर्ण करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए.
इनका कहना है : ईटीवी भारत ने राजस्थान स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के सहायक निदेशक राजेश शर्मा से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बाहर होने का हवाला देकर अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ लिया. हालांकि अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस मसले पर रेल मंत्री से भी बात की गई है. लेकिन राज्य सरकार इस मामले में सहयोग नहीं कर रही है. ओवरब्रिज निर्माण का कार्य अधर में लटका है. इस कारण हजारों लोगों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार को जनता की परेशानी को देखते हुए संवेदनशील होना चाहिए.