अजमेर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतगणना 3 दिसंबर को होगी. इस दिन प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य ईवीएम मशीन से निकलेगा. 25 नवम्बर को हुए चुनाव में जनता अपना निर्णय कर चुकी है. अजमेर संभाग की 29 सीटों पर कई दिग्गज राजनेता हैं जिनकी प्रतिष्ठा ही नहीं राजनीतिक भविष्य भी दांव पर लगा हुआ है. इनमें से 8 सीटें ऐसी हैं जहां पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. 3 दिसंबर का दिन राजस्थान में रिवाज बदलेगा या राज यह स्पष्ट हो जाएगा. साथ ही जनता ने इस बार किन प्रत्याशियों पर अपना भरोसा जताया है, यह सामने आ जाएगा.
अजमेर संभाग की 29 सीटों में कई सीटों पर दिग्गजों ने भी चुनाव लड़ा है. इन दिग्गजों का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा हुआ है. अजमेर संभाग में 8 सीटें ऐसी हैं, जहां दिग्गज नेताओं की साख चुनाव में दांव पर लगी हुई है. जानते है संभाग के चार जिले अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर और टोंक की 26 सीटों में से कौन सी सीटें दिग्गजों के चुनाव लड़ने के कारण चर्चा में है. चुनाव के नतीजे आने पर ही पता चलेगा कि किसी दिग्गज की साख बचती है. हालांकि इनमें से कई दिग्गज ऐसे हैं जिनको कड़ी चुनौती प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार से मिल रही है.
इन 8 सीटों पर दिग्गज:
टोंक: अजमेर संभाग की सबसे हॉट सीट टोंक है. टोंक सीट पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस से प्रत्याशी हैं. पायलट वर्ष 2018 का चुनाव टोंक से जीत चुके हैं. पायलट दूसरी बार टोंक से चुनाव लड़ रहे हैं. पायलट के सामने बीजेपी के प्रत्याशी पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता है.
देवली उनियारा: देवली उनियारा से कांग्रेस के प्रत्याशी हरीशचन्द्र मीणा हैं. मीणा यहां से विधायक हैं. इससे पहले हरीशचन्द्र मीणा राजस्थान के डीजीपी भी रह चुके हैं. मीणा का मुकाबला यहां भाजपा प्रत्याशी विजय बैंसला से है. विजय बैंसला गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक रहे हैं. वे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र हैं. ऐसे में यहां मुकाबला काफी रोचक देखा गया है.
अजमेर: जिले की केकड़ी विधानसभा सीट काफी चर्चित है. यहां कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉ रघु शर्मा का मुकाबला बीजेपी से पूर्व विधायक शत्रुघ्न गौतम के साथ है. डॉ रघु शर्मा गहलोत सरकार में चिकित्सा मंत्री रह चुके हैं. वहीं वे गुजरात चुनाव में प्रभारी रहे हैं. केकड़ी में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है. केकड़ी में गुर्जर समाज के मतदाता निर्णायक स्थिति में है.
किशनगढ़: अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी किशनगढ़ सीट से भाजपा के प्रत्याशी है. किशनगढ़ भागीरथ चौधरी का गृह क्षेत्र है. चौधरी यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं. लेकिन इस बार सर्द मौसम में उनके पसीने छूट रहे हैं. दरअसल विगत चुनाव में भाजपा ने भागीरथ चौधरी को टिकट नहीं दिया था और वहां से नए चेहरे के तौर पर विकास चौधरी को मैदान में उतारा था. मगर भाजपा का यह प्रयोग फेल हो गया था. इस प्रयोग को अब कांग्रेस इस बार कर रही है. विकास चौधरी ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस का हाथ थाम लिया. कांग्रेस ने विकास चौधरी को टिकट दे दिया. ऐसे में जाट मतदाताओं के सामने दो जाट उम्मीदवार हैं. यानी जाट मतदाताओं के बंट सकते हैं. इसका फायदा निर्दलीय प्रत्याशी सुरेश टांक को हो सकता है.
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नागौर: नागौर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है. इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा हैं. ज्योति मिर्धा नागौर से सांसद रह चुकी हैं. ज्योति मिर्धा का मुकाबला यहां कांग्रेस के प्रत्याशी हरेंद्र मिर्धा से है, लेकिन यहां निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान रहमान भी टक्कर में है. हालांकि चुनाव से ठीक पहले मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस की ओर होने से हरेंद्र मिर्धा की स्थिति मजबूत हुई है. जबकि जाट मतदाताओं के बंटने से अन्य जातियां निर्णायक स्थिति में आ चुकी हैं.
डीडवाना: डीडवाना सीट से विधायक चेतन डूडी कांग्रेस के प्रत्याशी हैं. वहीं भाजपा से जितेंद्र सिंह जोधा उम्मीदवार है. यहां भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देकर वसुंधरा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे यूनुस खान निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. हालांकि डीडवाना सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है, लेकिन यूनुस खान की स्थिति मजबूत लग रही है.
शाहपुरा: भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा सीट भी चर्चा में है. यहां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं भाजपा से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे कैलाश मेघवाल इस बार टिकट नहीं मिलने के कारण निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े हैं. यहां भाजपा से लालाराम बैरवा प्रत्याशी है, तो कांग्रेस से नरेंद्र रेगर प्रत्याशी हैं. त्रिकोणीय मुकाबले में यहां भाजपा की स्थिति बेहतर है.
जहाजपुर: भीलवाड़ा जिले की जहाजपुर सीट पर भाजपा और कांग्रेस का सामने का मुकाबला है. यहां कांग्रेस से धीरज गुर्जर और भाजपा से गोपीचंद मीणा के बीच रोचक मुकाबला है. धीरज गुर्जर एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और जहाजपुर से विधायक भी रहे हैं.