अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की अध्यापक भर्ती 2018 के चयनित अभ्यार्थियों का आंदोलन जारी है. नौकरी की आस में अभ्यार्थी पिछले 7 दिन से आरपीएससी से 100 मीटर की दूरी पर धरना लगाकर बैठे हैं. सोमवार को बड़ी संख्या में विभिन्न जिलों से आए अभ्यर्थियों ने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रदर्शन किया.
अभ्यार्थियों ने बताया कि प्राध्यापक भर्ती 2018 की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है लेकिन आरपीएससी नियुक्ति नहीं दे रहा है. जबकि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक आरपीएससी स्वयं अपने स्तर पर अंतिम निर्णय ले सकता है. भर्ती में चयनित अभियार्थी होने के बावजूद अभ्यर्थियों को लंबे समय से बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ रहा है. अभियर्थियों का आरोप है कि भर्ती को आरपीएससी ने लंबित कर रखा है. इस कारण अभ्यार्थियों को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है. अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती समय पर होती तो स्कूलों में व्याख्याताओं के रिक्त पड़े पद भरने से परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को लाभ मिलता. सोमवार को बड़ी संख्या में विभिन्न जिलों से आए अभ्यार्थी धरना स्थल पर पहुंचे. जहां अभ्यार्थियों ने अपनी मांगों को लेकर आगामी रणनीति तय की.
यह भी पढ़ें. अजमेर : विक्रम शर्मा हत्याकांड के इनामी आरोपी को पुलिस ने मथुरा से दबोचा
साथ ही सरकार और आरपीएससी प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए धरना स्थल पर लगे टेंट में पाठशाला लगाई. हालांकि, पाठशाला में विद्यार्थी नहीं थे. स्वयं चयनित अभ्यर्थी ही शिक्षक और विद्यार्थी बने. इसी तरह चयनित अभ्यार्थियों में शामिल महिला अभ्यर्थियों ने सड़क पर गर्मी को देखते हुए राहगीरों को शीतल जल पिलाया. अभ्यार्थियों ने कहा कि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा काफी संवेदनशील है. उन्हें उम्मीद है कि प्राध्यापक भर्ती 2018 के चयनित अभ्यार्थियों की आवाज उन तक पहुंचेगी तो वह जरूर बेरोजगार चयनित अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लेंगे.
अभ्यार्थियों ने बताया कि परीक्षा के बाद परिणाम भी जारी हो चुके हैं. अभ्यर्थियों की काउंसलिंग की प्रक्रिया भी पूर्ण हो चुकी है. ऐन वक्त पर भर्ती को रोका गया है. इससे चयनित अभ्यार्थियों में निराशा है. जब तक भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करने के आदेश जारी नहीं हो जाते तब तक अभ्यार्थियों का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.
अभ्यार्थियों ने बताया कि आगामी 15 दिनों तक आंदोलन की रणनीति तैयार कर ली गई है. उन्होंने कहा कि आरपीएससी प्रशासन ने अभी तक उनसे वार्ता नहीं की है और ना ही कोई सकारात्मक कदम उठाया है. इसलिए सरकार से मांग की जा रही है कि बेरोजगार चयनित अभ्यर्थियों के हित में शीघ्र सकारात्मक कदम उठाए.