अजमेर. जिले में राजस्थान राजस्व बार संघ के तत्वावधान में प्रदेश की समस्त जिला बार के अध्यक्षों और सचिवों के लिए खरखेड़ी गांव स्थित एक रिसोर्ट में सेमिनार आयोजित किया गया. सेमिनार में राजस्थान बार काउंसिल के चेयरमैन सैयद शाहिद हुसैन सहित काउंसिल के सदस्य भी मौजूद रहे. इसमें राजस्व मामलों और वकीलों से संबंधित 10 सूत्रीय प्रस्ताव पर चर्चा की गई. वहीं राजस्व मामलों में न्याय किसानों के लिए सस्ता और सुलभ कैसे हो इसको लेकर भी सुझाव लिए गए.
अजमेर में राजस्थान बार काउंसिल के चेयरमैन सैयद शाहिद हुसैन ने बताया कि राजस्थान एडवोकेट वेलफेयर एक्ट जो सरकार के समक्ष लंबित है, उसके तहत वकीलों के वेलफेयर के लिए राशि बढ़ाई गई थी लेकिन सरकार अभी तक एक्ट को लेकर बैठी हुई है. उन्होंने कहा कि हमारी आपत्ति है कि सरकार को बार काउंसिल ने एक्ट भेजा था लेकिन सरकार ने बार काउंसिल के विपरीत एक्ट पारित कर दिया है. हमारी मांग है कि इस एक्ट को वापस लिया जाए और हमारे भेजे गए एक्ट को लागू किया जाए.
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उन्होंने बताया कि सेमिनार में दूसरा मुद्दा एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट रहा है. एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का मसौदा 1 वर्ष पहले ही राजस्थान बार काउंसिल ने सरकार को भेज दिया था. 1 वर्षों से सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है. उन्होंने बताया कि तीसरा मुद्दा राजस्व अदालतों को लेकर है. आरएए के राजस्व मामलों की सुनवाई के अधिकार को संभागीय आयुक्त को दिया गया है.
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अन्य मांगों के बारे में चेयरमैन सैयद शाहिद हुसैन ने बताया कि रेवेन्यू जुडिशियल सर्विसेज राजस्थान में शुरू होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एसडीएम, एडीएम अधिकारियों को न्याय कार्य करने का बिल्कुल भी समय नहीं है. वह राजकीय कार्यों में ही व्यस्त रहते हैं. इसलिए सरकार से मांग की जा रही है कि रेवेन्यू जुडिशियल सर्विसेज राजस्थान में शुरू हो. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रही है, लेकिन किसानों को सस्ता एवं सुलभ न्याय मिले इसको लेकर सरकार बिल्कुल चुप है. मुद्दों को लेकर सेमिनार में चर्चा की गई है.
उन्होंने बताया कि मुद्दों पर चर्चा के बाद इसका प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा जाएगा. सरकार से आग्रह किया जाएगा कि इन प्रस्तावों पर जल्द कार्रवाई करें, नहीं तो अपनी मांगें मनवाने के लिए राजस्थान के अधिवक्ता आंदोलन भी कर सकते हैं.