अजमेर. राजस्थान के चुनावी रण की तस्वीर साफ हो चुकी है. सियासी मैदान में राजनीतिक दलों की ओर से मोर्चाबंदी तेज होती जा रही है. इस बीच बात करें अजमेर दक्षिण सीट की तो, यहां पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है, हालांकि इस सीट पर 9 उम्मीदवार मैदान में हैं.
अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस से बागी हेमंत भाटी के नामांकन वापस लेने से कांग्रेस प्रत्याशी द्रौपदी कोली की स्थित अब मजबूत बन गई है, हालांकि यह तब मुमकिन है जब कांग्रेस में भीतरी घात नहीं हो. वहीं, भाजपा प्रत्याशी अनिता भदेल लगातार क्षेत्र में पकड़ को मजबूत करने में जुटी हुई हैं. इस बीच सुरेंद्र सिंह शेखावत के अजमेर उत्तर से नाम वापस लेने से भदेल के प्रचार अभियान को गति मिलेगी. दरअसल भदेल के खेमे में सुरेंद्र सिंह शेखावत मजबूत पिलर हैं, ऐसे में शेखावत के चुनाव रण से वापसी का फायदा भदेल को मिल सकता है. रण में बने रहने से शेखावत भदेल की उतनी मदद नहीं कर पाते जितनी वह अब कर सकते हैं.
अनुभव के सामने नया चेहराः अजमेर दक्षिण में मुकाबला अनुभव और नए चेहरे के बीच है. इस सीट से भाजपा-कांग्रेस के साथ ही 9 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं. इस सीट पर कुल 2 लाख 10 हजार 59 मतदाता हैं. इनमें से 1 लाख 5 हजार 42 महिला एवं 1 लाख 5 हजार 16 पुरुष एवं 1 ट्रांसजेंडर मतदाता है. वहीं क्षेत्र में 184 बूथ मतदान के लिए बनाए गए हैं.
अजमेर दक्षिण से ये उम्मीदवार मैदान मेंः अजमेर दक्षिण सीट से कांग्रेस से डॉ द्रौपदी कोली, बीजेपी से अनीता भदेल, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया से पिंकी खोरवाल, आरएलपी से परमेश्वर लाल कटारिया, बहुजन समाज पार्टी से हेमंत कुमार सोलंकी चुनावी मैदान में हैं. इसी प्रकार आम आदमी पार्टी से रविंद्र बालोटिया, नेशनल फ्यूचर पार्टी से विजय खेरालिया, निर्दलीय विनोद कुमार एवं राइट टू रिकॉल पार्टी से हितेश शाक्य मैदान में हैं.
अनिता भदेल हैं अनुभवीः बीजेपी प्रत्याशी अनिता भदेल लगातार पांचवा चुनाव लड़ रही हैं. इससे पहले वह क्षेत्र से चार बार चुनाव जीत चुकी हैं और पांचवी बार बीजेपी ने भदेल को चुनाव मैदान में उतरा है. विगत चार चुनाव लड़ने का भदेल को अनुभव है. अजमेर दक्षिण क्षेत्र के सभी वार्डो में भदेल की अच्छी पकड़ है. क्षेत्र में लगातार सक्रिय बने रहना ही भदेल की ताकत है, हालांकि लंबे अरसे से क्षेत्र में विधायक बने रहने से लोगों में परिवर्तन को लेकर कसक है. खासकर क्षेत्र में कई भाजपा कार्यकर्ता भी भदेल से दूर हो गए हैं. पूर्व शहर अध्यक्ष डॉ प्रियशील हाड़ा से उनकी पुरानी अदावत है. डॉ हाड़ा की पत्नी अजमेर नगर निगम में मेयर हैं. हाड़ा दंपती ने अजमेर दक्षिण से भाजपा से टिकट मांगा था. टिकट नहीं मिलने की कसक उनमें भी है, लेकिन इसका कितना असर पड़ेगा यह परिणाम बताएंगे.
द्रोपदी कोली है नया चेहराः कांग्रेस ने दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से द्रौपदी कोली के रूप में नया दांव खेला है. इससे पहले यहां भाजपा का दामन छोड़कर 10 साल पहले कांग्रेस में शामिल हुए हेमंत भाटी को लगातार कांग्रेस ने दो बार टिकट दिया, लेकिन वह हार गए. इस बार भाटी फिर से कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने नए चेहरे द्रोपदी को मैदान में उतारा है. द्रौपदी कोली कांग्रेस सेवादल की पदाधिकारी हैं. वहीं, नगर निगम में प्रतिपक्ष नेता भी हैं. सेवादल कोटे से उनका टिकट फाइनल हुआ है. वहीं, द्रोपदी को टिकट देने में सीएम अशोक गहलोत की ओर से भी हरि झंडी थी. द्रोपदी कोली राजनीति में नई-नहीं हैं. तीन बार वार्ड पार्षद का चुनाव जीत चुकी हैं. हेमंत भाटी के नाम वापसी से द्रोपदी कोली की स्थिति पहले से मजबूत हुई है. क्षेत्र में सामान्य कार्यकर्ता को टिकट दिए जाने से कांग्रेस के कार्यकर्ता भी उत्साहित हैं. खासकर क्षेत्र में कांग्रेस के पार्षद उत्साह के साथ द्रौपदी कोली के साथ प्रचार में जुट गए हैं.