अजमेर. अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस अब खत्म हो गया है. कांग्रेस ने यहां पुराने चेहरे पर दांव लगाया है. महेंद्र सिंह रलावता को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है. रलावता कल अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करेंगे. अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने महेंद्र सिंह रलावता को दोबारा मैदान में उतारा है.
कांग्रेस की सूची में अजमेर उत्तर से महेंद्र सिंह रलावता का नाम आने पर उनके समर्थक उनके कार्यालय के बाहर एकत्रित हो गए. समर्थकों ने जमकर आतिशबाजी की और रलावता को टिकट मिलने पर खुशी जाहिर की. रलावता सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे.
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साध्वी अनादि सरस्वती को नहीं मिला टिकट: आरटीडीसी चैयरमेन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से प्रबल दावेदार थे, लेकिन कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा के मामले में राठौड़ की अग्रणी भूमिका थी. ऐसे में राठौड़ आलाकमान के निशाने पर थे. राठौड़ को जब टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने उत्तर विधानसभा क्षेत्र से सिंधी समाज के व्यक्ति को टिकट देने की पैरवी की. राठौड़ ने भाजपा से टिकट के दावेदारी कर रही साध्वी अनादि सरस्वती को कांग्रेस ज्वाइन करने के लिए मनाया. इसमें पूर्व विधायक डॉ राजकुमार जयपाल ने भी महत्ती भूमिका निभाई. लेकिन दांव उल्टा पड़ गया. साध्वी अनादि सरस्वती का जमकर विरोध होने लगा. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान ने रलावता पर ही दांव खेला.
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सचिन पायलट के करीबी हैं रलावता: महेंद्र सिंह रलावता पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं. उन्हें टिकट दिलाने में सचिन पायलट की भूमिका विशेष रही है. विगत चुनाव में भी पायलट के कहने से ही रलावता को टिकट मिला था. सन 2018 में भी कांग्रेस ने रलावता को अजमेर उत्तर विधानसभा सीट से टिकट दिया था. हालांकि रलावता विगत चुनाव हार गए थे. लेकिन 5 वर्ष तक रलावता क्षेत्र में सक्रिय रहे. यही वजह है कि अंतिम समय तक रलावता को ही कांग्रेस ने टिकट थमाया है.