केकड़ी (अजमेर). प्रधानमंत्री ने देश में स्वच्छता अभियान की जो मुहिम छेड़ी थी, उसे लेकर केकड़ी में स्वच्छता अभियान चलाया गया लेकिन आज भी केकड़ी शहर की तस्वीर नहीं बदल सकी है. केकड़ी का ऐतिहासिक बड़ा तालाब नगरपालिका के लापरहवाही से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है.
केकड़ी का बड़ा तालाब ऐतिहासिक तालाब है, जो पुराने समय में लोगों के लिए जलस्त्रोत का मुख्य साधन था. आज इस तालाब को नगर पालिका ने ट्रेंचिंग ग्राउंड बना दिया है. नगर पालिका द्वारा नगर से संग्रहित किए गए कचरे को ट्रेंचिंग ग्राउंड में ना फेंककर बड़े तालाब में ही फेंका जा रहा है. जिसकी वजह से बड़े तालाब में कूड़े-कचरे का ढेर जमा हो गया है. वहीं इसका पानी भी दूषित हो गया है.
दुर्गंध से लोग परेशान
कभी नगर वासियों की प्यास बुझाने वाला बड़ा तालाब अब जानवरों की भी प्यास नहीं बुझा पा रहा है. कभी इस तालाब में साफ कलकल पानी बहता था, आज इससे ऐसी दुर्गंध आती है कि लोगों को वहां खड़ा होना भी दुर्भर है. इस बड़े तालाब को नगरपालिका बोर्ड ने 19 करोड़ की लागत से कनकावती सागर बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा था लेकिन यह कचरा घर बनता जा रहा है.
तालाब की पाल पर स्थापित छतरियां भी खो रही अस्तित्व
बड़ा तालाब की पाल पर विभिन्न समाजों की सतियों की छतरियां भी स्थापित है, वो भी अपना अस्तित्व खोती जा रही है. साथ ही यहां कई देव स्थान भी है. क्षेत्र के बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि सालों पहले इस बड़़े तालाब से स्थानीय लोग घरों की लिपाई-पुताई के लिए मिट्टी भी ले जाया करते थे. वहीं तालाब का पानी पशुओं की प्यास बुझाने के भी काम आता था. इस तालाब के पानी से आसपास के खेतों की सिंचाई की जाती थी.
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तालाब की मिट्टी से कुम्हार साल भर अपने धंधे को आकार देता रहता था. केकड़ी शहर के लोग कपड़े धोने से लेकर दैनिक जीवन के अनेकों काम करते थे. जैसे-जैसे समय बीतता गया बड़े तालाब की दुर्दशा होती गई.
मंडरा रहा गंभीर बीमारियों का खतरा
केकड़ी शहर की आधी आबादी से अधिक नालियों और बड़े नालों का गंदा पानी भी अब इस तालाब में मिल रहा है. जिसका कोई निकास न होने की वजह से यह गंदा पानी जहरीला हो चुका है. गंदगी और कूड़े कचरे से लबालब बड़ा तालाब स्थानीय लोगों को परेशानियां भी दे रहा है. मच्छरों के प्रकोप से लोग परेशान हैं. सालों से तालाब की सफाई न होने की वजह से तालाब के पास रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों व संक्रमण का खतरा बना हुआ है.
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नगरपालिका कार्मिकों की अनदेखी के चलते नगर का कचरा बड़े तालाब में डाला जा रहा है. जबकि केकड़ी शहर से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर ही नगरपालिका का ट्रेंचिंग ग्राउंड बना हुआ है लेकिन कर्मचारी इस कचरे को वहां तक न पहुंचाकर इसे बड़े तालाब में ही डाल देते हैं. पालिका द्वारा डाले जा रहे कचरे से अब लोगों का जीना मुहाल हो गया है. गंदगी व संड़ाध के चलते अब तालाब के आस-पास रहने वाले लोगों को रहना मुश्किल हो गया है.