पुष्कर(अजमेर). पूरे विश्व के करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र रहने वाले जगतपिता ब्रह्मा मंदिर (Brahma Temple) का नवनिर्मित एंट्री प्लाजा का उद्घाटन होने के बावजूद बीते तीन सालों से धूल फांक रहा है.
24 करोड़ रुपए की लागत से बने प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Former CM Vasundhara Raje) के इस ड्रीम प्रोजेक्ट (dream project) को लेकर अब पुष्कर विधानसभा में सियासत तेज होने लगी है. एक और जहां भाजपा-कांग्रेस पर सियासत का आरोप लगा रही है. वहीं कांग्रेस इस निर्माण में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर पलटवार कर रही है.
राजस्थान में भाजपा सरकार (BJP government) के दौरान 6 अक्टूबर 2018 को सूबे की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने ब्रह्मा मंदिर के भव्य एंट्री प्लाजा का लोकार्पण किया था. इसके बाद से ही सियासी खींचतान और कानूनी दांव पेच के चलते यह भव्य एंट्री प्लाजा देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अबतक नहीं खोला जा सका. साल 2019 और 2020 में अपनी पुष्कर यात्रा के दौरान पूर्व सीएम राजे ने गहलोत सरकार (Gehlot government) पर निशाना साधते हुए विकास कार्यों पर सियासत करने का आरोप लगाया था. साथ ही इस एंट्री प्लाजा को नहीं खोले जाने को लेकर नाराजगी भी जताई थी.
पुष्कर के भाजपा मंडल महामंत्री अरुण वैष्णव ने सूबे की गहलोत सरकार पर राजनीतिक दुर्भावना का आरोप लगाते हुए कहा कि इस विकास कार्य में करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं. ऐसे में राजनीतिक भेदभाव किए बिना इस भव्य एंट्री प्लाजा को आमजन के लिए जल्द से जल्द खोल देना चाहिए.
वहीं दूसरी ओर एंट्री प्लाजा के निर्माण में राजस्थान पुरातत्व विभाग (Rajasthan Archaeological Department) की ओर से उल्लेखित नियमों की पालना न करने के कारण इस निर्माण को हटाने के आदेश हो चुके हैं. जिसकी पालना तत्कालीन जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा को करवानी थी. जो आज तक संभव नहीं हो पाई है.
इस निर्माण को लेकर पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री और पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख्तर इंसाफ के नेतृत्व में कांग्रेस के पूर्व तीन पालिका अध्यक्षों ने 2 वर्ष पहले निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए इसकी जांच के लिए लिखित ज्ञापन सौंपा था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगदीश कुड़िया ने निर्माण में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पुनः इसकी जांच की मांग उठाई है.
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर भाजपा और कांग्रेस की खींचतान सियासत का एक पहलू हो सकता है. लेकिन पुरातत्व विभाग के नियमों के उपरांत निर्माण करना और निर्माण होने के बाद भी करोड़ों रुपए के विकास कार्य को यूं ही धूल फांकना दोनों राजनेतिक दलों की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है.