अजमेर. हजारों लोगों के करोड़ों रुपए हड़पने वाली रूबी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी के निदेशक और सीईओ को पुलिस ने गिरफ्तार (Police arrested the director and CEO of the cooperative society) किया है. सोमवार को किशनगढ़ पुलिस ने उन्हें अजमेर पीसीपीएनडीटी कोर्ट में पेश किया. बताया जा रहा है कि ब्याज और लोक लुभावन स्कीम का झांसा देकर सोसायटी ने अजमेर ही नहीं राजस्थान के मुख्य शहरों के अलावा 14 राज्यों में हजारों लोगों की गाढ़े मेहनत की कमाई हड़प ली. अजमेर में सवा दो करोड़ रुपए और अन्य राज्यों में करीब 150 करोड़ रुपए निवेशकों के हड़प चुकी है. कोर्ट ने 11 मई तक दोनों आरोपियों की पुलिस को रिमांड दी है.
किशनगढ़ वृताधिकारी मनीष ने बताया कि रूबी क्रेडिट सोसायटी के निदेशक राहुल दवे और पूजा दवे को धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि कोतवाली थाने में पीड़ित परिवादियों ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. इस तरह के प्रकरण कई थानों में दर्ज हुए हैं. पहले कोतवाली में दर्ज प्रकरण के निस्तारण की कार्रवाई के तहत सोसायटी के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है. 2 करोड़ के लगभग की राशि का यह मामला है. उन्होंने बताया कि यह नेशनल लेवल की सोसायटी है. अन्य राज्यों में सोसायटी का संचालन होता था.
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निवेशकों को दिखी उम्मीद: यूको बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी रामनारायण अग्रवाल ने बताया कि नवंबर 2019 को 40 निवेशकों ने मिलकर कोतवाली थाने में राहुल दवे, पूजा देवे, लोकेश सारस्वत और मनोज पंत के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. रामनारायण अग्रवाल ने बताया कि रूबी को ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के इन अधिकारियों ने एफडी पर अधिक ब्याज देने और ज्यादा रकम की एफडी करवाने पर लोकलुभावन स्कीम का लाभ देने का झांसा दिया था. अग्रवाल ने बताया कि 25 लाख की एफडी करवाने पर उन्हें परिवार के साथ बैंकॉक ट्रिप का झांसा दिया था. तीन महीने के लिए उन्होंने पेंशन के पैसे की एफडी सोसाइटी में करवाई थी. लेकिन इस बीच ही सोसायटी निवेशकों का पैसा हड़प कर चंपत हो गई. अजमेर में खाई लैंड में सोसायटी का दफ्तर था.
उन्होंने बताया कि निवेशकों का पैसा हड़प कर सोसायटी के निदेशक राहुल दवे और पूजा दवे ने कई अचल संपतिया खरीद ली. वहीं अजमेर में करोड़ो रूपये का मकान भी बनवा लिया. अजमेर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. किशनगढ़ पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अभी दो आरोपी फरार है. फरार दोनों आरोपियों को भी पुलिस गिरफ्तार करें. आरोपियों की गिरफ्तारी से सोसायटी में अटकी रकम मिलने की उम्मीद बनी है.
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पीड़ित निवेशक महेश चंद्र ओझा ने बताया कि 2019 से हर दिन मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि 20 लाख रुपए एफडीआर में निवेश किए थे. मैच्यूरिटी होने के बाद रकम देने से सोसायटी के अधिकारियों ने मना कर दिया. अब कुछ उम्मीद दिखने लगी है. बता दी कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद निवेशक भी कोर्ट के बाहर जुट गए. इनमें अधिकांश सेवानिवृत सरकारी कर्मचारी है.
आरोपी पूजा दवे सोसायटी की है सीईओ: अजमेर में होते हुए भी तीन साल के बाद पुलिस के हाथ आये हैं. आरोपी राहुल दवे और पूजा दवे पति-पत्नी हैं. राहुल दवे सोसायटी संचालन का काम देखता था और उसकी पत्नी पूजा दवे सोसायटी में सीईओ के पद पर कार्य करती थी. सोसायटी की वेबसाइट पर आज भी पूजा दवे की फोटो सीईओ के रूप में लगी हुई है.