अजमेर. फर्जी पुलिसकर्मी बनकर ठगी करने वाले दो आरोपी सिविल लाइन थाना पुलिस के हत्थे चढ़ गए. आरोपी मौका मिलते ही वारदात को अंजाम देने में माहिर थे. दोनों ने प्रदेश के विभिन्न शहरों में लोगों को ठगने का खुलासा भी किया है.
पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने जानकारी देते हुए बताया कि 26 अक्टूबर को सावित्री चौराहे पर फर्जी पुलिसकर्मी बनकर लुटेरों ने झारला थाना पीलवा निवासी उमा राम के 18 हजार उड़ा लिए थे. जहां लुटेरों ने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए तलाशी देने को कहा और बाद में दोनों ने असली नोट लेकर उसे खाली कागज थमा दिए. घटना के बाद पीड़ित ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नारायण सिंह टोगस, सीओ नार्थ प्रियंका रघुवंशी ,थाना प्रभारी रविश सामरिया और अन्य की टीम को गठित किया.
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पुलिस अधीक्षक ने बताया कि छारसा थाना मनोहरपुरा जयपुर निवासी अविनाश पुत्र धन्नालाल मीणा और श्यामपुरा थाना विराटनगर निवासी मामराज पुत्र राधेश्याम धानका को गिरफ्तार किया गया है. सरगना अविनाश और उसका साथी मामराज जहां मौका मिले वहां ठगी करने में माहिर है. जो 10 साल से नकली पुलिसकर्मी बनकर राहगीरों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे. दोनों असली-नकली नोट की जांच करने के नाम पर हस्ताक्षर करने और लिफाफे में अखबार के टुकड़े थमाने की वारदात को अंजाम देते थे और मौके से फरार हो जाते थे. अब तक इन्होंने जयपुर , जोधपुर, अजमेर, विजयनगर, किशनगढ़ सहित अन्य शहरों में ठगी की वारदात को अंजाम दिया है.
कबूली अब तक की वारदातें...
24 अक्टूबर -जोधपुर में 3 हजार रुपये की ठगी
25 अक्टूबर -जोधपुर में 5 हजार रुपये की ठगी
26 अक्टूबर -ब्यावर में 3 हजार रुपये की ठगी