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POCSO Court : नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ मामले में सोमरत्न आर्य को बड़ी राहत, संदेह के लाभ पर बरी

भाजपा के वरिष्ठ नेता सोमरत्न आर्य को अजमेर पोक्सो एक्ट मामले में कोर्ट संख्या 2 संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया (POCSO Court acquits Somratna Arya by giving benefit) है. कोर्ट ने उनको यह राहत 30 जून 2019 में नाबालिग लड़की के साथ छोड़छाड़ के आरोप में दर्ज मुकदमे में दी.

POCSO Court acquits Somratna Arya by giving benefit
सोमरत्न आर्य
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Published : Jun 1, 2022, 7:08 PM IST

अजमेर. बीजेपी के वरिष्ठ नेता सोमरत्न आर्य को अजमेर पोक्सो एक्ट प्रकरण की कोर्ट संख्या 2 से बड़ी राहत मिली है. आर्य को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए बरी किया (POCSO Court acquits Somratna Arya by giving benefit) है. आर्य के खिलाफ 30 जून 2019 को नाबालिग लड़की के पिता ने बेटी के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था. यह मामला अजमेर में सुर्खियों में रहा था.

वकील उमरदान सिंह लखवात ने बताया कि 12 जून 2019 की घटना है. नाबालिग लड़की के पिता ने 30 जून 2019 को क्रिश्चियन गंज थाने में छेड़छाड़ के मामले में पोक्सो अधिनियम के तहत सोमरत्न आर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. पुलिस ने इन धाराओं में ही प्रकरण में कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया था. नाबालिग लड़की के पिता का आरोप था कि मंत्री से अवार्ड दिलाने का झांसा देकर बेटी को घर बुलाकर उससे आर्य ने छेडछाड़ की थी. वकील लखवात ने बताया कि पोक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष कोर्ट संख्या 2 ने सोम रतन आर्य को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया है. उन्होंने बताया कि कोर्ट में अभियोजन की ओर से 11 गवाह पेश किए गए थे. जबकि बचाव पक्ष की ओर से 5 गवाह पेश किए गए थे.

वकील उमरदान सिंह लखवात

पढ़े:POCSO court sentenced the accused: पॉक्सो कोर्ट ने बच्चे के साथ कुकर्म के आरोपी को सुनाई 20 साल की सजा

राजनीति के साथ समाज सेवा में सोमरत्न आर्य है सक्रिय: अजमेर में सोमरत्न आर्य राजनीति गतिविधियों के साथ समाज सेवा में जाना पहचाना नाम है. कई समाज सेवी संस्थाओं में रहकर सोमरत्न आर्य वर्षो से सक्रिय रहकर काम कर रहे हैं. इस घटना से सोमरत्न आर्य के राजनीति करियर को नुकसान पंहुचा. कोर्ट के निर्णय से सोमरत्न आर्य को बड़ी राहत मिली. सोमरत्न आर्य ने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था. मैंने कोई गलत काम नही किया.

अजमेर. बीजेपी के वरिष्ठ नेता सोमरत्न आर्य को अजमेर पोक्सो एक्ट प्रकरण की कोर्ट संख्या 2 से बड़ी राहत मिली है. आर्य को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए बरी किया (POCSO Court acquits Somratna Arya by giving benefit) है. आर्य के खिलाफ 30 जून 2019 को नाबालिग लड़की के पिता ने बेटी के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था. यह मामला अजमेर में सुर्खियों में रहा था.

वकील उमरदान सिंह लखवात ने बताया कि 12 जून 2019 की घटना है. नाबालिग लड़की के पिता ने 30 जून 2019 को क्रिश्चियन गंज थाने में छेड़छाड़ के मामले में पोक्सो अधिनियम के तहत सोमरत्न आर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. पुलिस ने इन धाराओं में ही प्रकरण में कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया था. नाबालिग लड़की के पिता का आरोप था कि मंत्री से अवार्ड दिलाने का झांसा देकर बेटी को घर बुलाकर उससे आर्य ने छेडछाड़ की थी. वकील लखवात ने बताया कि पोक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष कोर्ट संख्या 2 ने सोम रतन आर्य को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया है. उन्होंने बताया कि कोर्ट में अभियोजन की ओर से 11 गवाह पेश किए गए थे. जबकि बचाव पक्ष की ओर से 5 गवाह पेश किए गए थे.

वकील उमरदान सिंह लखवात

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राजनीति के साथ समाज सेवा में सोमरत्न आर्य है सक्रिय: अजमेर में सोमरत्न आर्य राजनीति गतिविधियों के साथ समाज सेवा में जाना पहचाना नाम है. कई समाज सेवी संस्थाओं में रहकर सोमरत्न आर्य वर्षो से सक्रिय रहकर काम कर रहे हैं. इस घटना से सोमरत्न आर्य के राजनीति करियर को नुकसान पंहुचा. कोर्ट के निर्णय से सोमरत्न आर्य को बड़ी राहत मिली. सोमरत्न आर्य ने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था. मैंने कोई गलत काम नही किया.

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