अजमेर. 5 जुलाई को मोदी सरकार-2 देश का पहला बजट पेश करने जा रही है. बजट को लेकर हमने अजमेर के लोगों की राय जानी. ज्यादात्तर लोगों ने बजट से महंगाई को नियंत्रित किए जाने वाले प्रावधान लागू होने की उम्मीद जताई है. लोग पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस को जीएसटी दायरे में लेने की उम्मीद कर रहे हैं.
अजमेर व्यापारिक महासंघ के सचिव रमेश लालवानी ने कहा कि शिक्षा, चिकित्सा आमजन की पहुंच में हो, यात्रा के लिए रेल आमजन के लिए सुगम है. लेकिन, यात्री भार की वजह से रिजर्वेशन नहीं मिलता. इसलिए आमजन की सुविधा के लिए ट्रेन और दी जाए, जिससे रिजर्वेशन लोगों को आसानी से मिल सक. लालवानी ने टैक्स स्लैब 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये करने की उम्मीद जताई है.
स्थानीय नानक गजवानी ने बताया कि बजट गरीब, मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स स्लैब 5 लाख तक हो। शिक्षा और चिकित्सा जो आज सबसे महंगी हो गई है उसे आमजन के दायरे में लाना चाहिए.
स्थानीय निवासी ताराचंद ने बताया कि रोजमर्रा में इस्तेमाल वस्तुओं खासकर खाद्य पदार्थों पर जीएसटी कम हो. पेट्रोल डीजल के दाम घटने से महंगाई नियंत्रित हो सकती है. ऐसे में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए. खिलौना व्यापारी भागीरथ बुधवानी ने कहा कि देश में शिक्षा सबसे महंगी हो गई है. प्राइवेट स्कूलों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. इसलिए सरकार को शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछली मोदी सरकार नहीं जाते जाते हैं. देश की जनता से वादा किया था कि 5 लाख रुपये तक की आयकर सीमा होगी तो लोग अब उसी का इंतजार कर रहे हैं.
बुधवानी ने ये भी कहा कि महंगाई का स्तर काफी बढ़ गया है और इससे ज्यादा यदि महंगाई बढ़ती है तो आमजन के लिए बर्दाश्त के बाहर होगा इसलिए सरकार को महंगाई पर नियंत्रण कर आमजन को राहत देनी चाहिए.