पुष्कर (अजमेर). केन्द्रीय भारतीय चिकित्सा परिषद की ओर से आयुर्वेद को 58 प्रकार की सर्जरी की अनुमति देने के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लगातार अपना विरोध दर्ज करवा रही है. वहीं, एसोसिएशन के आव्हान पर 11 दिसम्बर की हड़ताल के विरोध में अब राजस्थान आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ ने अपनी आवाज मुखर करना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को तीर्थ नगरी पुष्कर में आयुर्वेद विभाग राजस्थान की ओर से श्री चांदमल मोदी राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय में एक दिवसीय आयुर्वेदिक न्यूरो थेरेपी और पंचकर्म शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर का शुभारंभ पुष्कर उपखंड अधिकारी दिलीप सिंह राठौड़ ने किया.
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. अंजू कटारे ने बताया कि कैम्प में रीढ़ की हड्डी और न्युरो सम्बंधित रोगों जैंसे सर्वाइकल, स्पोंडीलाइसिस, लंबर स्पोंडीलाइसिस, साईटिका, ए.वी.एन., फ्रोजन शोल्डर, स्लिप डिस्क, कमर दर्द, गर्दन दर्द, घुटना दर्द, इत्यादि अनेक रोगों का आयुर्वेदिक नयूरो थेरेपी की ओर से निःशुल्क उपचार किया जा रहा है. साथ ही संबंधित रोगों के संबंध में आयुर्वेद आधारित परामर्श भी दिया जाएगा.
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंजू कटारे ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सक पर्याप्त अध्ययन के बाद ही चिकित्सा का कार्य करता है. ऐसे में उसे सर्जरी का अधिकार नहीं देना सैधांतिक रूप से गलत है. डॉ. कटारे ने बताया कि आयुर्वेद में शैल्य चिकित्सा का इतिहास बहुत पुराना है. आयुर्वेद एक सनातन चिकित्सा पद्धति है. आयुर्वेद के महर्षि सुश्रुत सर्जरी के जनक हैं. जिन्हें सर्जरी का पिता की उपाधि प्राप्त है. ऐसे में आयुर्वेदिक चिकित्सकों को दिए गए सर्जरी के अधिकार का विरोध गलत है.
आयोजित शिविर के दौरान 40 से अधिक रोगियों ने स्वास्थ्य लाभ लिया. गौरतलब है कि आयुर्वेदिक चिकित्सरों को सर्जरी की इजाजत देने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने हड़ताल का ऐलान किया है. जिसके चलते संभाग भर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े चिकित्सक शुक्रवार को हड़ताल पर है.