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अजमेर दरगाह शरीफ में कुल की रस्म अदा, केवड़े और गुलाबजल से हो रही धुलाई

अजमेर दरगाह में कुल की रस्म निभाने की परंपरा अनौपचारिक रूप से खत्म हो गई. ख्वाजा गरीब नवाज के 809वें उर्स पर केवड़े, गुलाबजल से धुलाई कर रस्म अदा की गई. वहीं जुम्मे के नमाज को लेकर शुक्रवार को कुल की रस्म अदा करने के समय में बदलाव किया गया है.

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Published : Feb 19, 2021, 12:15 PM IST

ख्वाजा गरीब नवाज के 809वें उर्स, Ajmer news
अजमेर दरगाह में कुल की परंपरा का निर्वहन

अजमेर. छोटे कुल की रस्म के लिए अजमेर दरगाह मेंं काफी तादाद में जायरीन अजमेर शरीफ में रुके हुए हैं. कुल की रस्म की अदा में दरगाह शरीफ जायरीनों से भरी हुई है. ख्वाजा के दीवाने गुलाबजल से दरगाह शरीफ में आस्ताने शरीफ के चारों ओर बनी दीवारों को धोते हुए नजर आ रहे हैं. यह सिलसिला देर रात तक इसी प्रकार चलता रहा, जो शुक्रवार को भी जारी रहेगा.

अजमेर दरगाह में कुल की परंपरा का निर्वहन

शुक्रवार सुबह कुल की रस्म के लिए सुबह 9 बजे आस्ताना शरीफ आम जायरीन के लिए बंद कर दिया जाएगा. इस दौरान खादिम समुदाय के लोग मजार शरीफ पर गुस्ल की रस्म को अदा करेंगे. जायरीनों की ओर से सुबह दरगाह के विभिन्न स्थानों की धुलाई गुलाब जल से की जाएगी. गुलाबजल और केवड़े से कुल के छींटे देने का सिलसिला चला. शुक्रवार को 12 बजे कुल की रस्म जुम्में की नमाज अदा होगी. वहीं 1 बजे इस बार कुल की रस्म और जुम्मा एक ही दिन होने से समय में बदलाव किया गया है.

यह भी पढ़ें. अजमेर: उर्स के समापन से पहले गुरुवार को आयोजित हुई वार्षिक सभा, समाज में फैली कुरीतियों को लेकर हुई चर्चा

दरगाह कमेटी के अनुसार कुल की महफिल दोपहर 1 बजकर 10 मिनट की जगह 12 बजकर 15 मिनट पर होगी. उसके बाद जुम्मे की नमाज दोपहर 1 बजे अदा की जाएगी. शहर काजी तौसीफ अहमद सिद्दीकी के अनुसार दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर खुतबा शुरू होगा, जहां 1 बजकर 20 पर नमाज शुरू हो जाएगी.

खादिमों की ओर से छठी शरीफ की फातिहा सुबह 8 बजे आरकाट के दालान में होगी. सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर आस्ताना शरीफ में फरियाद पढ़ी जाएगी. वहीं रस्म के दौरान केवल खादिम समुदाय के लोग ही आस्ताने में रहेंगे. दरगाह स्थित महफिल खाने में भी कुल की महफिल होगी. शाही चौकी के कव्वाल रंग और बधावा पढ़ेंगे. दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन आस्ताने में जाएंगे, इस दौरान महफिल खाने में कलंदर दागोल की रस्म को भी अदा करेंगे.

अजमेर. छोटे कुल की रस्म के लिए अजमेर दरगाह मेंं काफी तादाद में जायरीन अजमेर शरीफ में रुके हुए हैं. कुल की रस्म की अदा में दरगाह शरीफ जायरीनों से भरी हुई है. ख्वाजा के दीवाने गुलाबजल से दरगाह शरीफ में आस्ताने शरीफ के चारों ओर बनी दीवारों को धोते हुए नजर आ रहे हैं. यह सिलसिला देर रात तक इसी प्रकार चलता रहा, जो शुक्रवार को भी जारी रहेगा.

अजमेर दरगाह में कुल की परंपरा का निर्वहन

शुक्रवार सुबह कुल की रस्म के लिए सुबह 9 बजे आस्ताना शरीफ आम जायरीन के लिए बंद कर दिया जाएगा. इस दौरान खादिम समुदाय के लोग मजार शरीफ पर गुस्ल की रस्म को अदा करेंगे. जायरीनों की ओर से सुबह दरगाह के विभिन्न स्थानों की धुलाई गुलाब जल से की जाएगी. गुलाबजल और केवड़े से कुल के छींटे देने का सिलसिला चला. शुक्रवार को 12 बजे कुल की रस्म जुम्में की नमाज अदा होगी. वहीं 1 बजे इस बार कुल की रस्म और जुम्मा एक ही दिन होने से समय में बदलाव किया गया है.

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दरगाह कमेटी के अनुसार कुल की महफिल दोपहर 1 बजकर 10 मिनट की जगह 12 बजकर 15 मिनट पर होगी. उसके बाद जुम्मे की नमाज दोपहर 1 बजे अदा की जाएगी. शहर काजी तौसीफ अहमद सिद्दीकी के अनुसार दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर खुतबा शुरू होगा, जहां 1 बजकर 20 पर नमाज शुरू हो जाएगी.

खादिमों की ओर से छठी शरीफ की फातिहा सुबह 8 बजे आरकाट के दालान में होगी. सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर आस्ताना शरीफ में फरियाद पढ़ी जाएगी. वहीं रस्म के दौरान केवल खादिम समुदाय के लोग ही आस्ताने में रहेंगे. दरगाह स्थित महफिल खाने में भी कुल की महफिल होगी. शाही चौकी के कव्वाल रंग और बधावा पढ़ेंगे. दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन आस्ताने में जाएंगे, इस दौरान महफिल खाने में कलंदर दागोल की रस्म को भी अदा करेंगे.

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