पुष्कर (अजमेर). कोरोना संक्रमण के चलते अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला रद्द कर दिया गया है. इस मेले में हर साल बड़ी संख्या में पशुओं की विभिन्न नस्लों की खरीद-फरोख्त होती है, वहीं विदेशी सैलानी भी हर साल बड़ी तादाद में मेले में शरीक होने आते हैं. हाल ही में पशुपालन विभाग और स्थानीय उपखंड प्रशासन ने एक आदेश जारी कर पशु मेले को रद्द करने की सूचना सार्वजनिक की थी.
अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला दो चरणों में आयोजित होता है. मेले के प्रथम चरण में दिवाली के दूसरे दिन से पशुओं की आवक शुरू हो जाती है. इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताओं के आयोजन होते हैं, जो इस बार नहीं होंगे. वहीं मेले के दूसरे चरण में कार्तिक माह की प्रबोधिनी एकादशी से पूर्णिमा तक लाखों देशी-विदेशी श्रद्धालु सरोवर में पंचतीर्थ महास्नान में भाग लेते हैं.
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वर्ष 2019 के आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो कार्तिक एकादशी से चतुर्दशी तक लगभग ढाई लाख देशी-विदेशी पर्यटक पुष्कर पहुंचे. पूर्णिमा को लगभग दो लाख लोगों ने पुष्कर मेले में शिरकत की थी. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए तीर्थ यात्री नहीं आ सकेंगे.
इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय हवाई उड़ानें संचालित नहीं की जा रही हैं, जिससे विदेशी पर्यटक की आवक भी नहीं हो पाएगी. होटल व्यवसायियों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पुष्कर मेले के दौरान लगभग 4000 से अधिक विदेशी पर्यटक पुष्कर आते हैं. ऐसे में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े होटल संचालक, रेस्टोरेंट्स मालिक, ट्रैवल एजेंसी कैमल सफारी और स्थानीय तीर्थ पुरोहितों को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ेगा.
वहीं दूसरी ओर अपनी खस्ताहाल स्थिति से जूझ रहे राज्य पशु ऊंट की बिक्री भी इस वर्ष नहीं हो पाएगी. सरकारी आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो वर्ष 2001 में 15 हजार ऊंटों की आवक पुष्कर मेले में हुई तो वहीं, 2019 में मात्र 1784 ऊंट वंशों की आवक ही हुई.
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पुष्कर पशु मेले में बिक्री हेतु आने वाले अश्व वंश, गोवंश आदि भी इस बार नहीं आ पाएंगे. ऐसे में साल भर पुष्कर पशु मेले का इंतजार करने वाले पशु पालक के हाथ सिर्फ निराशा ही लगी है. कुल मिलाकर कोरोना वैश्विक महामारी से जूझ रहा पर्यटन व्यवसाय इस वर्ष पुष्कर मेले के आयोजित नहीं होने से दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं.