अजमेर. देवनगर के जंगलों में शनिवार को महिला की लाश मिली थी. इस मामले में पुलिस ने तहकीकात की तो पता चला कि महिला ने चार शादी की थी और उसके चौथे पति ने ही गला दबाकर हत्या की थी. मामले में पुलिस ने महिला समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों में एक महिला भी शामिल (3 accused arrested in woman murder case) है.
पुष्कर थाना प्रभारी डॉ रविश सामरिया ने बताया कि शनिवार को देवनगर गांव के जंगल में 30 वर्षीय एक महिला की लाश मिली थी. मौके से एफएसएल और एमओबी टीम ने साक्ष्य जुटाए थे. वहीं, महिला की शिनाख्तगी के प्रयास भी किए गए थे. मृत महिला आदर्श नगर थाना क्षेत्र में खाजपुरा गांव निवासी कांता देवी है. कांता देवी की तीन बार पहले शादी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि तकनीकी प्रयासों से आखिरी बार जिस व्यक्ति की लोकेशन कांता देवी के साथ पाई गई उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. आरोपी मसूदा के रतनगढ़ गांव निवासी सेठी सिंह उर्फ सेठू रावत (25) है. थाने में आरोपी सेठी सिंह से पूछताछ की गई तो और भी 2 लोगों के नाम मामले में सामने आए. इनमें आरोपी माकड़वाली गांव निवासी खेमा सिंह और उसकी पत्नी रेणु रावत है.
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पति ने महिला से की थी कोर्ट मैरिज: उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया कि सेठी सिंह ने डेढ़ वर्ष पहले कांता देवी के साथ कोर्ट मैरिज की थी. इसके बाद दोनों साथ में रहकर जोधपुर और अजमेर में मजदूरी कर रहे थे. कुछ दिनों पहले कांता और सेठी सिंह के बीच अनबन हो गई थी. इस कारण से कांता जोधपुर से अजमेर आ गई थी. कांता अजमेर के माखुपुरा में रहने लगी थी. 15 सितंबर को घटना के दिन आरोपी सेठी जोधपुर से अजमेर आया वह केरियो की ढाणी माकड़वाली आया. दरअसल कांता और उसके बीच फोन पर बात हुई थी कांता ने ही उसे अजमेर बुलाया था. यहां वह गांव के ही खेमा सिंह के खड़े टेंपो में बैठ गए और बातचीत करने लगे. सेठू सिंह अपनी पत्नी कांता को जोधपुर ले जाना चाहता था, लेकिन वह जोधपुर जाने के लिए तैयार नहीं थी. इस दौरान आरोपी सेठू सिंह और कांता ने शराब पी रखी थी. झगड़े के बीच लगातार कांता देवी के फोन पर अन्य लोगों के कॉल आ रहे थे. आवेश में आकर सेठू सिंह ने कांता देवी का गला दबा दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
आरोपी शव टेम्पो में छोड़ गया: हत्या के बाद शराब के नशे में चूर सेठी सिंह लोडिंग टेम्पो में ही लाश के पास 15 मिनट तक बैठा रहा. इस दौरान खेमा सिंह की पत्नी रेनू ने सेठी सिंह को कांता के साथ घर जाने के लिए कहा और चली गई. अगले दिन सुबह जब रेनू लोडिंग टेम्पो के पास आई तो वहां कांता देवी की लाश देखकर उसके होश उड़ गए. अपराध को छुपाने की नियत से उसने खेमा सिंह के साथ मिलकर कांता देवी की लाश को देवनगर के पास जंगल में पटक दिया.